सूर्य ग्रहण देखते समय कभी न करें ये गलतियां, वरना पड़ जाएंगे लेने के देने
सूर्य ग्रहण देखते समय कभी न करें ये गलतियां, वरना पड़ जाएंगे लेने के देने
कोलकाता/भाषा। एक वरिष्ठ खगोल विज्ञानी ने कहा है कि 26 दिसंबर को होने वाले सूर्य ग्रहण देखने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित उपकरणों तथा उचित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए क्योंकि सूर्य की अवरक्त और पराबैंगनी किरणें आंखों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती हैं।
सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चन्द्रमा आ जाता है तथा सूर्य पूरी तरह से या आंशिक रूप से ढक जाता है। एमपी बिड़ला प्लेनेटोरियम के निदेशक देवी प्रसाद दुआरी के अनुसार, सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा का व्यास सूर्य से छोटा होता है और सूर्य के अधिकांश प्रकाश को ढक लेता है। इसके कारण सूर्य अग्नि की अंगूठी के समान दिखाई देता है।दुआरी ने कहा कि किसी व्यक्ति को उचित सुरक्षा के बिना थोड़ी देर के लिए भी सीधे सूर्य की ओर नहीं देखना चाहिए। यहां तक कि जब सूर्य का 99 प्रतिशत हिस्सा आंशिक ग्रहण के दौरान चंद्रमा द्वारा ढक लिया जाता है, तब भी शेष प्रकाश आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है।
उन्होंने कहा कि विकिरण से बचाव में सक्षम ऑप्टिकल घनत्व वाले सौर फिल्टर आंखों के लिए सुरक्षित हैं और उनका उपयोग देखने के लिए करना चाहिए। नग्न आंखों से ग्रहण को नहीं देखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वेल्डर ग्लास संख्या 14 सौर फिल्टर के रूप में एक सुरक्षित सामग्री है। उनके अनुसार, सूर्य ग्रहण देखने की सबसे अच्छी विधि उपयुक्त सतह पर दूरबीन या पिनहोल कैमरा का उपयोग है। गुरुवार का सूर्य ग्रहण सऊदी अरब, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, भारत, श्रीलंका, मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, उत्तरी मारियाना द्वीप और गुआम में दिखाई देगा।