नए वित्त वर्ष के लिए छपवाएं बिल बुक तो इन बातों का रखें खास ध्यान

नए वित्त वर्ष के लिए छपवाएं बिल बुक तो इन बातों का रखें खास ध्यान

जीएसटी नियमों के अनुसार बिल बुक

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो गया है। हमारे देश में वित्त संबंधी गतिविधियों की गणना इसी के अनुसार होती है। एक अप्रैल से जहां कारोबारी जगत में कुछ परिवर्तन आते हैं, वहीं आम नागरिक के जीवन से भी इनका संबंध होता है।

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जीएसटी के नियमों के अनुसार, नए वित्त वर्ष में सभी कारोबारियों को नए बिल बनाने होते हैं, जिनमें कई बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना होता है। सीजीएसटी रूल्स, 2017 के नियम 46 (बी) के अनुसार, हर ​नए वित्त वर्ष के लिए नई बिल बुक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

चूंकि एक अप्रैल से वित्त वर्ष 2019-2020 की शुरुआत हो चुकी है, इसलिए हर कारोबारी प्रतिष्ठान को उक्त नियमों का पालन करते हुए नई बिल बुक से ही अपनी व्यापार संबंधी गतिविधियों का संचालन करना होगा।

बता दें कि बिल बुक छपवाने के लिए भी कुछ विशेष नियमों का ध्यान रखा जाता है, ताकि कार्य के दौरान आसानी हो। मिसाल के तौर पर हर बिल पर छपे नंबर। इनमें अंकों के अलावा वर्णमाला के अक्षरों का भी इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के लिए, 01/2019 या आरजे/01/2019 अथवा एबीसीओ/आरजे/01/2019 आदि। इसमें अधिकतम 16 डिजिट इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

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