
आज शाम गुजरात के तट पर पहुंचेगा चक्रवात ‘ताउते’, एक लाख लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए
आज शाम गुजरात के तट पर पहुंचेगा चक्रवात ‘ताउते’, एक लाख लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए
अहमदाबाद/भाषा। ‘ताउते’ के तूफान से ‘अत्यंत तीव्र चक्रवाती तूफान’ में तब्दील होने के बाद अब इसके सोमवार शाम गुजरात पहुंचने का अनुमान है और रात आठ बजे से 11 बजे के बीच राज्य के तटीय इलाकों से होता हुआ यह आगे बढ़ जाएगा।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, एहतियात के तौर पर राज्य प्रशासन ने 17 जिलों के तटीय इलाकों से एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और सोमवार सुबह फिर बचाव कार्य शुरू किया। राज्य आपात सेवा केन्द्र के अनुसार, सोमवार सुबह छह बजे तक 24 घंटे में गुजरात के 21 जिलों के 84 तालुका में चक्रवाती विक्षोभ के कारण हल्की बारिश भी हुई। छह तालुका में करीब एक इंच से अधिक बारिश हुई।
भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के बुलेटिन के अनुसार, तूफान ‘ताउते’ ‘अत्यंत तीव्र चक्रवाती तूफान’ में बदल गया है।आईएमडी ने कहा, ‘इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 17 मई की शाम को गुजरात तट पर पहुंचने और 17 मई की रात (आठ से 11 बजे के बीच) पोरबंदर और महुवा (भावनगर जिला) के बीच गुजरात तट को पार करने का अनुमान है। इस दौरान 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं के 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने का अनुमान है।’’
आईएमडी ने कहा कि चक्रवात की वजह से राज्य में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, सोमवार और मंगलवार को सौराष्ट्र, दीव और गुजरात क्षेत्र के दक्षिणी जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश और कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान है। उसने कहा कि मंगलवार तक समुद्र की स्थिति ‘असाधारण’ रहेगी और इसके बाद इसमें सुधार आएगा।
राज्य सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 17 जिलों के 655 संवेदनशील गांवों से एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित अस्थायी आश्रयों में ठहराया गया है। उसके अनुसार, चक्रवात के कारण किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए वन, सड़क एवं आवास, स्वास्थ्य, राजस्व तथा बिजली सहित कई विभागों के दलों को तैनात किया गया है।
विज्ञप्ति में कहा गया कि इनके अलावा, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 41 दल और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 10 दलों को भी तैनात किया गया है। एनडीआरएफ के तीन दलों को तैयार भी रखा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी भी तैनाती की जा सके। उसके अनुसार, चक्रवात की वजह से बिजली जाने की स्थिति में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज कर रहे अस्पतालों में विशेष प्रबंध किए गए हैं।
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