फर्जी दस्तावेजों से पाक मूल की महिला बन गई कार्यवाहक प्रधान, ऐसे खुली पोल

फर्जी दस्तावेजों से पाक मूल की महिला बन गई कार्यवाहक प्रधान, ऐसे खुली पोल

एटा/भाषा। जिले में करीब 35 साल से अवैध रूप से रह रही पाकिस्तानी मूल की एक महिला फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के सहारे कार्यवाहक प्रधान बन गई लेकिन जांच में पोल खुलने के बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है।

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एटा के जिलाधिकारी सुखलाल भारती ने रविवार को बताया कि शिकायत मिली थी कि तहसील जलेसर के ग्राम गुदाऊ में पाकिस्तानी मूल की एक 65 वर्षीय महिला बानो बेगम पत्नी अशरत अली अवैध रूप से निवास कर रही है और फर्जी राशनकार्ड, आधार कार्ड, मतदाना पहचान पत्र बनवाकर वह न सिर्फ ग्राम पंचायत की सदस्य चुनी गई है, बल्कि प्रधान की अचानक मौत के बाद कार्यवाहक प्रधान नियुक्त की गई है।

उन्होंने बताया क़ि इस मामले की जांच एसडीएम जलेसर एसपी गुप्ता व डीपीआरओ आलोक प्रियदर्शी ने की और उन्होंने शिकायत को सही पाया।

भारती ने बताया, ‘बानो बेगम के पिता करीब चार दशक पहले पहले कराची से आगरा आए और कुछ दिन वहां नौकरी की। इसी दौरान उन्होंने बानो का निकाह अशरत अली से कराया और वापस पाकिस्तान लौट गए। बानो को निकाह के 35 साल बाद भी भारत की नागरिकता नहीं मिली है।’

उन्होंने बताया कि बानो ने 1995 में अवैध तरीके से अपना नाम मतदाता सूची में डलवाया, फिर उसके आधार पर अपना राशन कार्ड और आधार कार्ड बनवाया। 2015 में वह ग्राम पंचायत गुदाऊ की सदस्य बन गई और 2020 में वह कार्यवाहक प्रधान चुनी गई।

डीपीआरओ आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि गांव के ही कुवैदा खान की शिकायत पर जांच के बाद पता चला कि बानो दीर्घावधिक वीजा पर देश में रह रही है और उसके पास भारत की नागरिकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी अभिलेखों की जांच की जा रही है और कार्यवाहक प्रधान की संस्तुति करने वाले पंचायत सचिव को वहां से हटा दिया गया है।

एसडीएम एसपी वर्मा ने बताया कि बानो छह महीने तक कार्यवाहक प्रधान रही है, उसके कार्यकाल की जांच कराई जा रही है। बाकी दस्तावेजों से जुड़ी जांच भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि बानो का नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है।

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