
प्रधानमंत्री ने असम के भूमिहीन मूल निवासियों के लिए जमीन के पट्टों का वितरण किया
प्रधानमंत्री ने असम के भूमिहीन मूल निवासियों के लिए जमीन के पट्टों का वितरण किया
गुवाहाटी/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को शिवसागर जिले स्थित जेरेंगा पठार में रहने वाले भूमिहीन मूल निवासियों के लिए 1.6 लाख भूमि पट्टा वितरण अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने 10 लाभार्थियों को आवंटन प्रमाण पत्र भेंट किए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि असम के लोगों का यह आशीर्वाद, आपकी यह आत्मीयता मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है। आपका यह प्रेम और स्नेह मुझे बार-बार असम ले आता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज असम की सरकार ने आपके जीवन की बड़ी चिंता दूर की है। एक लाख से ज्यादा मूल निवासी परिवारों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार मिलने से आपके जीवन की बड़ी चिंता अब दूर हो गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पराक्रम दिवस पर पूरे देश में अनेक कार्यक्रम भी शुरू हो रहे हैं। इसलिए एक तरह से आज का दिन उम्मीदों के पूरा होने के साथ ही, हमारे राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि के लिए प्रेरणा लेने का भी अवसर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2019 में, सरकार द्वारा बनाई गई नई भूमि नीति सही मालिकों को भूमि देने के लिए अपना समर्पण दिखाती है। पिछले कुछ वर्षों में, 2.25 लाख से अधिक मूल परिवारों को जमीन का पट्टा दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि असम में जब हमारी सरकार बनी तो उस समय भी यहां करीब-करीब 6 लाख मूल निवासी परिवार जिनके पास जमीन के कानूनी कागज नहीं थे, लेकिन सर्वानंद सोनोवालजी के नेतृत्व में यहां की सरकार ने आपकी इस चिंता को दूर करने के लिए गंभीरता के साथ काम किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि असम की लगभग 70 जनजातियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई है। हम उन्हें तेजी से विकास की ओर भी ले जा रहे हैं। 2014 से अटल जी की सरकार से लेकर असम की संस्कृति और सुरक्षा को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मविश्वास तभी बढ़ता है जब घर-परिवार में भी सुविधाएं मिलती हैं और बाहर का इंफ्रास्ट्रक्चर भी सुधरता है। बीते सालों में इन दोनों मोर्चों पर असम में अभूतपूर्व काम किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच साल पहले तक असम के 50 प्रतिशत से भी कम घरों तक बिजली पहुंची थी, जो अब करीब 100 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। जल जीवन मिशन के तहत बीते 1.5 साल में असम में 2.5 लाख से ज्यादा घरों में पानी का कनेक्शन दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक बोडो समझौते से अब असम का एक बहुत बड़ा हिस्सा शांति और विकास के मार्ग पर लौट आया है। समझौते के बाद हाल में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के पहले चुनाव हुए, प्रतिनिधि चुने गए। अब बोडो टेरिटोरियल काउंसिल विकास और विश्वास के नए प्रतिमान स्थापित करेगी।
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