
इसरो के निगरानी केंद्र ने कार्टोसैट-3 का नियंत्रण लिया
इसरो के निगरानी केंद्र ने कार्टोसैट-3 का नियंत्रण लिया
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश)/भाषा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (इसट्रैक) ने बुधवार को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित उपग्रह कार्टोसैट-3 को अपने नियंत्रण में ले लिया है।
इस उपग्रह को बादल छाए रहने के बावजूद निर्धारित समय सुबह नौ बजकर 28 मिनट पर पीएसएलवी-सी 47 के जरिए श्रीहरिकोटा के दूसरे लांचिंग पैड से प्रक्षेपित किया गया।
इसरो ने बयान में बताया कि प्रक्षेपण के 17 मिनट बाद कार्टोसैट-3 को सफलतापूर्वक सूर्य स्थैतिक कक्षा (सन सिंक्रोनस ऑर्बिट) में 509 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित कर दिया गया।
इसरो ने बताया, इसके साथ ही अमेरिका के सभी नैनो उपग्रहों को भी निर्धारित कक्षा में स्थापित किया गया। अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, रॉकेट से अलग होने के बाद कर्टोसैट-3 के सौर पैनल स्वत: खुल गए और बेंगलूरु स्थिति इस्ट्रैक ने उसका कमान अपने हाथों में ले लिया।
Views of #PSLVC47 lift off from Sriharikota.
Mission Accomplished. Thanks for your support. pic.twitter.com/44fEip0K8q
— ISRO (@isro) November 27, 2019
इसरो ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों में उपग्रह को परिचालन की स्थिति में लाया जाएगा। एजेंसी के प्रमुख के सिवन के मुताबिक कार्टोसैट-3 उपग्रह इसरो की ओर से बनाया गया सबसे जटिल और अत्याधुनिक पृथ्वी निगरानी उपग्रह है।
उन्होंने बुधवार को सफलतापूर्वक मुकाम पर पहुंचाने के लिए पीएसएलवी और उपग्रह टीम को बधाई दी और उनकी प्रशंसा की।
13 commercial satellites from USA successfully placed in their designated orbits#PSLVC47
— ISRO (@isro) November 27, 2019
कार्टोसैट-3 बड़े पैमाने पर नगरीय योजना, ग्रामीण संसाधन और आधारभूत संरचना विकास, तटीय भू इस्तेमाल और भूमि निगरानी की जरूरतों को पूरी करने के साथ रक्षा एवं सैन्य उद्देश्यों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। पीएसएलवी-सी47 इस श्रेणी के रॉकेट का 49वां मिशन था। वहीं कार्टोसैट-3 अगले पांच साल तक काम करेगा।
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