पर्यटकों की भीड़ ने मैसूरु की हर सड़क को कर दिया व्यस्त

पर्यटकों की भीड़ ने मैसूरु की हर सड़क को कर दिया व्यस्त

मैसूरु/दक्षिण भारत

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महलों और धरोहरों के शहर मैसूरु की ओर जाने वाली हर स़डक पर इन दिनों बेहद व्यस्त वाहन यातायात देखने को मिल रहा है। जैसे-जैसे विश्वप्रसिद्ध मैसूरु दशहरा अपनी जवानी पर आ रहा है, वैसे-वैसे शहर घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा होता जा रहा है। इनमें घरेलू और विदेशी, दोनों प्रकार के पर्यटक शामिल हैं। उन्हें हमेशा की तरह इस वर्ष भी दशहरे के अंतिम शानदार शो जंबो सवारी का बेसब्री से इंतजार है। इस वर्ष जंबो सवारी का आयोजन १९ अक्टूबर को होगा। दशहरे के इस अंतिम राजसिक कार्यक्रम को देखने के लिए शहर में २५ लाख लोगों के पहुंचने की उम्मीद जताई गई है। इस वर्ष जंबो सवारी का उद्घाटन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी करेंगे। ज्ह्प्रय् ब्स् द्धद्य·र्ैंद्यय्द्यउल्लेखनीय है कि पिछले तीन दिनों से मैसूरु शहर लगातार लौटते मॉनसून की बारिश की चपेट में है लेकिन इस बारिश से यहां पहुंचे पर्यटकों का जोश फीका नहीं प़डा है। उनकी कोशिश यह होती है कि दशहरे का कोई भी महत्वपूर्ण कार्यक्रम उनसे छूट न जाए। इन पर्यटकों के स्वागत के साथ ही मनोरंजन के लिए भी पूरा शहर इन दिनों बेहद जगमगाहट से भरा हुआ है। ऐतिहासिक और विश्वप्रसिद्ध मैसूरु महल के साथ ही पूरे शहर की प्रमुख इमारतें शाम का अंधेरा घिरने के साथ ही बेहद चमकीली रोशनी के आगोश में समा जाती हैं। पूरा शहर ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस बात का एक सबूत भी है कि इस वर्ष दशहरे में यहां पहुंचने वाले पर्यटकों ने यहां के होटलों में लगभग शत प्रतिशत कमरों की बुकिंग कर ली है। इनमें से अधिकांश बुकिंग जंबो सवारी के लिए १९ अकटूबर को करवाई गई है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि सिर्फ देशी ही नहीं, विदेशी पर्यटकों की संख्या में इस वर्ष काफी ब़ढोत्तरी हुई है। मैसूरु होटल मालिक संघ के अध्यक्ष और खुद भी होटल और आतिथ्य क्षेत्र के कारोबारी नारायण गौ़डा ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस बार कुछ किफायती सेवाएं देने वाले होटलों ने भी एक सप्ताह के लिए अपने किराए की दरों में ब़ढोत्तरी की है। ुू ध्य्क्व फ्ष्ठ ःद्भय्ख्रय् ब्ह्रख्ष्ठ झ्द्भश्चट्ट·र्ैंउच्चतर शिक्षा और जिला प्रभारी मंत्री जीटी देवेगौ़डा ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों के दावे को सही ठहराते हुए कहा कि इस वर्ष मैसूरु दशहरे को देखने के लिए २५ लाख पर्यटकों ने शहर का रुख किया है। इन पर्यटकों के लिए बेहद सुंदर रोशनी से सजा मैसूरु महल हमेशा के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। महल को देखने के लिए पहुंचने वाले पर्यटकों का स्वागत महल की खूबसूरती और रोशनी की चमक के साथ ही कर्णप्रिय शास्त्रीय संगीत की धुनों से किया जा रहा है। इसे स्वाभाविक ही कहा जा सकता है क्योंकि मैसूरु के पूर्व वाडेयार राजवंश के कई सदस्य बेहद उच्च स्तर के शास्त्रीय संगीतज्ञ रहे थे। इनमें चामराज वाडेयार का भी नाम आता है। माना जाता है कि उनके संगीत में किसी को भी सम्मोहित करने की शक्ति थी। वहीं, नरसराज वाडेयार के दरबार में कई मशहूर वीणा वादकों का जमाव़डा हुआ करता था। चिक्का देवराया ने संगीतशास्त्र पर ’’गीत गोपाल’’ नाम की बेहद मशहूर टीका लिखी थी। वहीं, कृष्णराज वाडेयार द्वितीय ने संगीत के विषय पर ही ’’श्रीतत्वनिधि’’ नाम के ग्रंथ की रचना की थी।ब्ह्द्बडट्टष्ठ झ्द्य ब्स् ज्ह्द्य कर्नाटक पर्यटन विभाग ने इस वर्ष मैसूरु में पर्यटकों को होमस्टे का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया है। इन होमस्टे का प्रयोग करने वालों को दशहरे के साथ बेहद करीबी जु़डाव विकसित करने और इसे करीब से देखने-समझने और दशहरे की संस्कृति को समझने का भी मौका मिल रहा है। इस सुविधा के लिए जिला प्रशासन ने पहले ही शहर के हृदय स्थल और आस-पास के स्थानों पर ऐसे घरों की पहचान कर ली थी, जिनमें पर्यटकों को ठहरने की सुविधा दी जा सकती थी। वैसे तो पर्यटकों में खास तौर पर मैसूरु दशहरे का आकर्षण देखने को मिल रहा है लेकिन वह मैसूरु चिि़डयाघर, चामुंडी पहा़डी के शिखर पर स्थित देवी चामुंडेश्वरी के मंदिर, मंड्या जिले के श्रीरंगपटना जैसे स्थानों का भ्रमण करने से भी नहीं चूक रहे हैं। पर्यटकों के कदम मंड्या जिले के रंगनतिट्टू पक्षी अभयारण्य की ओर भी ब़ढ रहे हैं। इनसे मंड्या में दशहरे के मौके पर पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या में इस वर्ष दुगने से भी अधिक का इजाफा हुआ है। यहां रंगनतिट्टू पक्षी अभयारण्य में भी पर्यटकों की संख्या में बेहद तेज वृद्धि हुई है। डप्ह्लय्श्च ्यफ्ैंब्य्फ्द्म ·र्ैंर्‍ फ्प्श्चख़य् ब्स्र घ्घ्य्श्चइस वर्ष मैसूरु महल देखने के लिए पहुंच रहे पर्यटकों के बीच वाडेयार राजवंश के स्वर्ण सिंहासन की काफी चर्चा है। राज्य प्रशासन ने पहली बार दशहरे के मौके पर इसे आम जनता के अवलोकन के लिए मैसूरु महल परिसर में रखा है। खुद में स्थापत्यकला का बेहद खूबसूरत उदाहरण माने जाने वाले इस महल में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या पिछले वर्ष ३० लाख ५० हजार रही थी। मैसूरु महल बोर्ड के उप निदेशक सुब्रमण्य ने बताया कि इस वर्ष यह संख्या काफी अधिक हो सकती है। उधर, मैसूरु से लगभग ८० किलोमीटर की दूरी पर स्थित बंडीपुर राष्ट्रीय उद्यान भी पर्यटकों को भारी संख्या में अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। वहां भी पर्यटकों की संख्या में दुगने का इजाफा होने का दावा किया गया है। इन सबके बीच कोई भी पर्यटक ऐसा नहीं है तो कृष्णराजसागर बांध के पास स्थित वृंदावन गार्डन देखने से चूकना चाहता हो। इस मशहूर पर्यटक आकर्षण स्थल में इस वर्ष बेहद खास फूड मेला लगाया गया है, जहां पर्यटकों को अपनी पसंद के अनुसार पूरे देश के लजीज खानों का स्वाद लेने का मौका मिल रहा है। यहां पश्चिम बंगाल, पंजाब, राजस्थान, केरल, तमिलनाडु जैसे राज्यों के सभी पकवान उपलब्ध करवाए गए हैं।झ्रुलझ् झ्श्नख्रप्रय्श्चद्मर्‍ फ्ष्ठ द्बद्म द्बह्ब्य्वहीं, इस वर्ष का दशहरे पर फूलों के मेले ने सबके दिल पर अपनी जगह बना ली है। इसमें राजधानी स्थित विधानसौधा की फूलों से बनी प्रतिकृति रखी गई है, जो हरेक पर्यटक के लिए बेहद खास है। वहीं, एक महीना पहले से ही दशहरे की तैयारियों में जुटे पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन ने खेल व रोमांचक खेल गतिविधियों की भी अनदेखी नहीं की है। दशहरा आयोजन समितियों ने कुश्ती जैसे कर्नाटक के बेहद लोकप्रिय खेल की प्रतियोगिताएं आयोजित की हैं। इनमें पूरे राज्य के साथ ही देश भर के ६०० नामी-गिरामी कुश्ती खिला़डी भाग लेने के लिए पहुंचे हुए हैं। वैसे, यह पहली बार नहीं है कि दशहरे के मौके पर यहां बेहद मनोरंजक खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं। यह मैसूरु दशहरे की विशेष परंपरा रही है। इस वर्ष यहां विभिन्न खेलों से जु़डे ४ हजार से अधिक खिला़डी इकट्ठे हो चुके हैं।

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