
जेपीसी जांच के लिए कांग्रेस की मांग का कोई तर्क नहीं: जोशी
जेपीसी जांच के लिए कांग्रेस की मांग का कोई तर्क नहीं: जोशी
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ‘फेसबुक-भाजपा’ गठजोड़ के कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले पोस्ट को फेसबुक द्वारा सेंसर नहीं किए जाने के आरोपों की जांच को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग को सरकार ने खारिज कर दिया।
इस संबंध में केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि फेसबुक-भाजपा के बीच सांठगांठ के आरोपों की जांच की कांग्रेस की मांग का कोई तर्क नहीं है। उन्होंने कहा कि यह केवल 2019 के लोकसभा चुनाव में हारने के बाद इस पार्टी की हताशा का प्रकटीकरण है।
मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने पहले चुनाव आयोग, उच्चतम न्यायालय और कैग पर संदेह किया। अब ‘सभी लोकतांत्रिक संस्थानों’ के बाद वे फेसबुक पर आ गए हैं।
बता दें कि एक अमेरिकी अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने यह आरोप लगाते हुए उक्त मांग की कि फेसबुक ने भाजपा का समर्थन करने के लिए ‘झुकते हुए’ और यहां तक कि पार्टी के नेताओं द्वारा नफरत भरे भाषणों को नजरअंदाज किया।
अमेरिकी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि इस सोशल मीडिया कंपनी के अधिकारी ने कहा था कि भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई से भारत में कंपनी की व्यावसायिक संभावनाओं को नुकसान होगा।
अखबार ने वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों का हवाला देते हुए दावा किया कि फेसबुक का भाजपा के प्रति ‘पक्षपात का व्यापक पैटर्न’ है। इस रिपोर्ट को आधार बनाते हुए कांग्रेस ने मांग की कि मामला बहुत गंभीर है और इसकी जांच के लिए जेपीसी का गठन होना चाहिए। पार्टी ने यह भी मांग की कि फेसबुक इन आरोपों की अपनी जांच भी करे।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस भारत में फेसबुक और वॉट्सऐप को नियंत्रित करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये इसके माध्यम से फर्जी खबरें और नफरत फैलाते हैं और इसका इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए करते हैं। राहुल ने ट्वीट में दावा किया कि आखिरकार, अमेरिकी मीडिया फेसबुक के बारे में सच्चाई के साथ सामने आया है।
इसके जवाब में, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हारे हुए जो लोग खुद अपनी पार्टी में लोगों को प्रभावित नहीं कर सकते, वे शिकायत करते रहते हैं कि पूरा विश्व भाजपा और आरएसएस ने नियंत्रित कर रखा है।
उधर, भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी अमित मालवीय ने राहुल के आरोपों को हास्यास्पद करार दिया है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि ठीक चुनाव से पहले भाजपा समर्थकों के सैकड़ों पेज फेसबुक ने बंद कर दिए थे।
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