लियोनेल मेस्सी मामला: ममता बनर्जी ने कोलकाता कार्यक्रम में 'कुप्रबंधन' को लेकर जांच के आदेश दिए
दर्शकों ने किया भारी हंगामा
Photo: MamataBanerjeeOfficial FB Page
कोलकाता/दक्षिण भारत। कोलकाता में लियोनेल मेस्सी के इवेंट में हुई 'कुप्रबंधन' से हैरान और बहुत दु:खी होने की बात कहते हुए, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को इस घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाने की घोषणा की।
ममता बनर्जी ने कहा कि वे हजारों फैंस के साथ सॉल्ट लेक स्टेडियम में इवेंट में शामिल होने जा रही थीं, जो फुटबॉल आइकन की एक झलक पाने के लिए इकट्ठा हुए थे।उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'मैं इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए लियोनेल मेस्सी, साथ ही सभी खेल प्रेमियों और उनके फैंस से दिल से माफी मांगती हूं।'
बता दें कि कोलकाता के लिए यह नज़ारा शनिवार को अफरा-तफरी में बदल गया, जब हजारों फैंस ने सॉल्ट लेक स्टेडियम के अंदर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने टिकट के लिए मोटी रकम देने के बावजूद अर्जेंटीना के स्टार लियोनेल मेस्सी की साफ झलक नहीं देख पाने के कारण भारी हंगामा मचा दिया।
मेस्सी का विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन का बहुचर्चित दौरा, साल 2011 के बाद उस जगह पर उनकी पहली मौजूदगी, भीड़ के नियमों को तोड़ने, तोड़फोड़ और पुलिस के बेकाबू दखल के कारण अव्यवस्थित हो गया, जिससे फुटबॉल के सबसे महान ग्लोबल सितारों में से एक के सम्मान में आयोजित इस कार्यक्रम पर ग्रहण लग गया।
पुलिस को मैदान पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान सुबह करीब 11.30 बजे अपने लंबे समय के स्ट्राइक पार्टनर लुइस सुआरेज़ और अर्जेंटीना के टीममेट रोड्रिगो डी पॉल के साथ स्टेडियम पहुंचे।
उनकी गाड़ी टचलाइन के पास पार्क थी और जैसे ही वे मैदान पर उतरे, वीआईपी, आयोजकों, सेलिब्रिटीज़ और सिक्योरिटी कर्मियों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया, जिससे गैलरी में बैठे आम दर्शक उन्हें देखने के लिए तरसते रह गए।
मेस्सी मैदान पर थोड़ी दूर चले और स्टैंड्स की तरफ़ थोड़ी देर के लिए हाथ हिलाया, तभी पूरे स्टेडियम में 'मेस्सी, मेस्सी' के नारे गूंजने लगे।
हालांकि, फैंस को जल्द ही एहसास हुआ कि फुटबॉलर सिक्योरिटी और खास मेहमानों से बुरी तरह घिरा हुए हैं, जिससे वे गैलरी के बड़े हिस्सों से मुश्किल से ही दिख रहे थे। कई लोगों ने शिकायत की कि बड़ी स्क्रीन पर भी साफ नज़ारा नहीं दिख रहा है।
अचानक 'हमें मेस्सी चाहिए' के नारे और तेज़ होने लगे। यह साफ़ हो गया था कि अर्जेंटीना के ये स्टार खिलाड़ी स्टेडियम का पूरा चक्कर नहीं लगाएंगे, जो कि मूल कार्यक्रम का हिस्सा था। इसके बजाय, मेस्सी बीच में ही वापस मुड़ गए और उनके तय समय से काफी पहले ही उन्हें बाहर ले जाया गया।
जैसे ही यह खबर फैली कि मेस्सी समय से पहले मैदान छोड़कर चले गए हैं, लोग भड़क उठे। उन्होंने मैदान पर बोतलें फेंकीं। इसके बाद कुर्सियाँ भी फेंकीं। स्पॉन्सर के बैनर और होर्डिंग फाड़ दिए गए, फाइबरग्लास की सीटें तोड़ दी गईं। भीड़ ने बैरिकेड्स तोड़कर मैदान में घुसने की कोशिश की।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बढ़ते हंगामे के बीच, भीड़ ने राज्य के खेल मंत्री अरूप बिस्वास और इवेंट आयोजक शताद्रु दत्ता की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नारे लगाए। उन्हें इस हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम के घोर कुप्रबंधन के लिए ज़िम्मेदार ठहराया।


