एमयूडीए मामले में मनगढ़ंत आरोप लगाने वाले नेताओं को माफी मांगनी चाहिए: सिद्दरामय्या

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की आलोचना की

एमयूडीए मामले में मनगढ़ंत आरोप लगाने वाले नेताओं को माफी मांगनी चाहिए: सिद्दरामय्या

Photo: @siddaramaiah X account

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या ने एमयूडीए साइट आवंटन मामले को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, 'मेरी पत्नी पार्वती की जांच करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील को खारिज करने वाला उच्चतम न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला केंद्र सरकार की प्रतिशोध की राजनीति के मुंह पर एक जोरदार तमाचा है।'

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उन्होंने कहा कि इस फैसले ने न केवल मामले के पीछे की दुर्भावना को उजागर किया, बल्कि सभी निराधार आरोपों से भी हमारा नाम स्पष्ट रूप से हटा दिया है। मैं उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन द्वारा दिए गए फैसले का विनम्रतापूर्वक स्वागत करता हूं। मैंने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में हमेशा कानून के शासन के समक्ष सिर झुकाया है।

सिद्दरामय्या ने कहा कि यह फैसला उसी विश्वास को पुष्ट और संरक्षित करता है। मुझे राजनीतिक रूप से पराजित करने में असमर्थ भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दल मेरी पत्नी के खिलाफ निराधार मामले गढ़ने और मेरे परिवार को परेशान करने के लिए सीबीआई और ईडी जैसी संवैधानिक एजेंसियों का दुरुपयोग करने पर उतर आए थे।

सिद्दरामय्या ने कहा कि यह न केवल सत्ता का दुरुपयोग है, बल्कि एक शर्मनाक और कायराना कृत्य भी है। हमें जो मानसिक पीड़ा सहन करनी पड़ी, वह हमेशा हमारे जीवन का एक दर्दनाक अध्याय बनी रहेगी।

सिद्दरामय्या ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई द्वारा कहे गए शब्द मेरी अंतरात्मा और संविधान में विश्वास रखने वाले प्रत्येक भारतीय की आवाज़ को प्रतिबिंबित करते हैं, 'चुनावी लड़ाई जनता के माध्यम से लड़ी जानी चाहिए, न कि प्रवर्तन निदेशालय जैसी संस्थाओं के दुरुपयोग के माध्यम से।' यह अत्याचार के विरुद्ध उठती न्याय की आवाज़ है।

सिद्दरामय्या ने कहा कि यह फैसला न्यायपालिका में विश्वास बहाल करता है, विशेष रूप से उन सभी लोगों के बीच जो पिछले 10-11 वर्षों में आयकर, सीबीआई और ईडी के उपयोग से भाजपा के राजनीतिक उत्पीड़न के शिकार हुए हैं।

सिद्दरामय्या ने कहा कि अब भी, इस चौंकाने वाले फैसले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को जागना होगा और राजनीतिक लाभ के लिए संवैधानिक एजेंसियों का हथियारीकरण बंद करना होगा। अब समय आ गया है कि वे इन संस्थाओं की स्वायत्तता बहाल करें और राजनीतिक दुरुपयोग के पापों से खुद को मुक्त करें।

सिद्दरामय्या ने कहा कि कर्नाटक में भाजपा और जद (एस) के नेता, जिन्होंने एमयूडीए मामले के संबंध में मुझ पर और मेरे परिवार पर लगातार मनगढ़ंत आरोप लगाए, यदि उनमें थोड़ी भी गरिमा या शर्म बची है, तो उन्हें आगे आकर अपने निराधार आरोपों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। सत्यमेव जयते।

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