तपस्या ही जीवन का सच्चा आभूषण है: साध्वीश्री पावनप्रभा

भिक्षु त्रिशताब्दी के सुअवसर पर केजीएफ में तपस्या का सुनहरा रंग छाया

तपस्या ही जीवन का सच्चा आभूषण है: साध्वीश्री पावनप्रभा

तपस्या से आवेग ओर संवेग शांत हो जाते हैं

केजीएफ/दक्षिण भारत। शहर के तेरापंथ भवन में चातुर्मासार्थ विराजित साध्वी पावनप्रभाजी के सान्निध्य में तप अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर साध्वीश्री ने कहा कि भिक्षु त्रिशताब्दी के सुअवसर पर स्वर्ण नगरी केजीएफ में तपस्या का सुनहरा रंग छाया हुआ है। 

Dakshin Bharat at Google News
हम कितने भाग्यशाली हैं कि हमें मनुष्य जीवन व औदारिक शरीर प्राप्त हुआ है क्योंकि तपस्या एकमात्र औदारिक शरीर से ही सम्भव होती है। जैसे जैसे क्षयोपशम व त्याग चेतना का प्रचुर भाव बढ़ता है वैसे तपस्या के भाव पुष्ट होते हैं। 

तपस्या से आवेग ओर संवेग शांत हो जाते हैं। जैन धर्म की तपस्या एक चिकित्सा बनी हुई है इससे शारीरिक, मानसिक और भावात्मक लाभ मिलता है। तपस्या से औदारिक के साथ साथ तेजस व कर्मण शरीर भी प्रभावित होता है। तपस्या से शरीर संतुलित रहता है। तपस्या ही जीवन का सच्चा आभूषण है। 

साध्वी रम्यप्रभाजी आदि तपस्वियों ने गीत की प्रस्तुति दी। साध्वी उन्नतयशाजी ने क़हा कि कर्म निर्जरा का बहुत बड़ा साधन है। तपस्या हर व्यक्ति नहीं कर सकता परन्तु अनुमोदना हर व्यक्ति कर सकता है और अपने कर्मों को हल्का कर सकता है। इस मौके पर अनेक तपस्वियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी उन्नतयशाजी ने किया।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

बेंगलूरु में छाएगा हाई लाइफ ब्राइड्स का जलवा बेंगलूरु में छाएगा हाई लाइफ ब्राइड्स का जलवा
ब्राइडल वस्त्र सुंदरता की अनूठी कहानी पेश करेंगे
मालेगांव मामले में अदालत के फैसले के बाद क्या बोलीं प्रज्ञा सिंह ठाकुर?
कांग्रेस को 'सनातन धर्म' को बदनाम करने के लिए माफी मांगनी चाहिए: भाजपा
2008 मालेगांव मामला: विशेष अदालत ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी 7 आरोपियों को बरी किया
वस्तु का उपयोग विवेक से करें तो वह अमृत है: कमलमुनि कमलेश
तपस्या करने वाला मनुष्य ही अध्यात्म में विश्वास करता है: आचार्यश्री प्रभाकर
तीर्थंकर राह दिखाते हैं, खुद को चलकर लक्ष्य पर पहुंचना होगा: आचार्यश्री विमलसागरसूरी