ट्रंप का दावा- 'भारत इस साल के आखिर तक रूसी तेल खरीदना लगभग बंद कर देगा'
उन्होंने कहा कि यह एक प्रक्रिया है और इसमें कुछ समय लगेगा
Photo: @WhiteHouse YouTube Channel
वॉशिंगटन/दक्षिण भारत। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने इस दावे को दोहराया है कि भारत, रूस से तेल खरीदना बंद करने पर सहमत हो गया है और इस साल के अंत तक वह इसे लगभग शून्य पर ला देगा।
हालांकि, उन्होंने कहा कि यह एक प्रक्रिया है और इसमें कुछ समय लगेगा।ट्रंप ने यह भी कहा कि वे चीन को भी ऐसा करने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे। चीन और भारत रूसी कच्चे तेल के दो सबसे बड़े खरीदार हैं।
राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, 'जैसा कि आप जानते हैं, भारत ने मुझसे कहा है कि वे (रूसी तेल खरीदना) बंद करने जा रहे हैं ... यह एक प्रक्रिया है। आप इसे ऐसे ही नहीं रोक सकते ... साल के अंत तक, उनके पास लगभग शून्य, लगभग 40 प्रतिशत तेल रह जाएगा। भारत, वे बहुत अच्छे रहे हैं। कल प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी से बात की। वे बिल्कुल अच्छे रहे हैं।'
ट्रंप पिछले कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि भारत ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह रूस से अपने तेल आयात में उल्लेखनीय कमी लाएगा।
अमेरिका के अनुसार, भारत रूसी कच्चे तेल की खरीद के माध्यम से पुतिन को युद्ध के वित्तपोषण में मदद कर रहा है।
ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर देने के बाद से नई दिल्ली और वॉशिंगटन के बीच संबंध गंभीर तनाव में हैं, जिसमें रूसी कच्चे तेल की भारत की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को 'अनुचित और अविवेकपूर्ण' बताया है।
ट्रंप ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी आगामी बैठक के दौरान वे रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा, 'मैं उनसे असल में इस बारे में बात करूंगा कि हम रूस और यूक्रेन के साथ युद्ध कैसे समाप्त करें, चाहे वह तेल के ज़रिए हो, ऊर्जा के ज़रिए हो या किसी और चीज़ के ज़रिए। मुझे लगता है कि वह बहुत ग्रहणशील होंगे।'
राष्ट्रपति ने कहा कि चीन और रूस के बीच संबंध थोड़े अलग हैं। यद्यपि बीजिंग का मास्को के साथ संबंध 'कभी भी अच्छा नहीं रहा', लेकिन पूर्ववर्ती अमेरिकी प्रशासन की नीतियों के कारण इसमें बदलाव आया।


