मुर्शिदाबाद दंगा प्रभावित लोगों के बारे में रिपोर्ट केंद्र को जल्द सौंपी जाएगी: राष्ट्रीय महिला आयोग
'शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है'
Photo: @VijayaRahatkar X account
कोलकाता/दक्षिण भारत। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने पश्चिम बंगाल सरकार से मुर्शिदाबाद जिले के दंगा प्रभावित लोगों, विशेषकर महिलाओं की शिकायतों के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान करते हुए रविवार को कहा कि आयोग एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसे जल्द केंद्र को सौंपा जाएगा और इसकी प्रतियां राज्य के शीर्ष अधिकारियों को भेजी जाएंगी।
संवाददाताओं से बातचीत में रहाटकर ने कहा कि पिछले दो दिनों में वे और अन्य पैनल सदस्य कई महिलाओं, उनके परिवारों और बच्चों से मिले हैं और उन्होंने जो यातनाएं और पीड़ाएं झेली हैं, वे 'कल्पना तथा शब्दों से परे हैं और मन पर गहरा घाव छोड़ गई हैं', जिसे मानवीय दृष्टिकोण के साथ तत्काल ठीक करने की जरूरत है।https://twitter.com/VijayaRahatkar/status/1913849934928871511
राज्य प्रशासन द्वारा विश्वास बहाली के उपायों की वकालत करते हुए उन्होंने कहा, 'शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।'
एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा कि आयोग उन सभी महिलाओं के विचारों को शामिल करते हुए एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिन्होंने आपबीती सुनाई और जिन्होंने अपनी जान और सम्मान बचाने के लिए बीएसएफ जैसी सुरक्षा बलों को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट केंद्र को सौंपी जाएगी और इसकी प्रतियां जल्द ही पश्चिम बंगाल के डीजीपी और मुख्य सचिव को भेजी जाएंगी।
क्षेत्र में बीएसएफ शिविर स्थापित करने की मांग कर रही महिलाओं के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, 'हां, उनमें से कई ने यही कहा है। क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल है। हम निश्चित रूप से अपनी रिपोर्ट में उनके विचारों को शामिल करेंगे।'
राज्य सरकार से 'इन लोगों की पीड़ा को दूर करने के लिए शीघ्र और तत्काल कार्रवाई करने' का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, 'उन्हें न्याय दीजिए, उनके आंसू पोंछिए, उनके नुकसान (घरों और संपत्तियों को हुए नुकसान और सामान की लूट) की भरपाई के लिए तत्काल मुआवजे की व्यवस्था कीजिए।'
हिंसा से प्रभावित इन लोगों के लिए उचित सुरक्षा और उनमें आत्मविश्वास की भावना पैदा करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा, 'अपना काम करना इस सरकार का नैतिक कर्तव्य है। वे हमारे अपने लोग हैं, वे राज्य की बेटियां हैं।'