
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने जद (एस) नेता रेवन्ना को दोबारा समन जारी करने का आदेश दिया
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील ने विज्ञापन के माध्यम से समन जारी करने के लिए अदालत के निर्देश का अनुरोध किया
फोटो: साभार karnatakajudiciary.kar.nic.in
बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कदाचार का आरोप लगाने वाली एक चुनाव याचिका पर होलेनरसिपुरा के विधायक और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एचडी रेवन्ना को दोबारा समन जारी करने का सोमवार को आदेश दिया, क्योंकि उन्हें पहले जारी किया गया समन तामील नहीं हुआ था।
इससे पहले की सुनवाई में उच्च न्यायालय ने विधानसभा सचिवालय के जरिए समन जारी करने का आदेश दिया था। मई विधानसभा चुनाव में रेवन्ना के चुनाव को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार जी देवराजेगौड़ा ने दायर की थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि जद (एस) नेता चुनावी कदाचार में शामिल थे। देवराजेगौड़ा को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
याचिका पर सोमवार को फिर से सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील प्रमिला नेसारगी ने समाचार पत्रों में एक विज्ञापन के माध्यम से समन जारी करने के लिए अदालत के निर्देश का अनुरोध किया।
हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा कि चुनाव याचिकाओं से जुड़े नियमों के अनुसार समन फिर से जारी किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति ज्योति मुलिमणि ने समन जारी करने का आदेश दिया और सुनवाई 29 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
याचिका में आरोप लगाया गया कि रेवन्ना के समर्थकों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए नकदी और उपहार बांटे तथा हिंसक घटनाओं में संलिप्त हुए। इसके अलावा, रेवन्ना की पत्नी भवानी रेवन्ना की संपत्ति के विवरण में भी गलतियां होने का आरोप लगाया गया।
देवराजेगौड़ा ने आरोप लगाया है कि रेवन्ना और दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार श्रेयस पटेल, दोनों ने मतदाताओं को प्रलोभन देकर लुभाया था, इसलिए दोनों को मिले वोट अमान्य किए जाने चाहिएं।
उच्च न्यायालय ने याचिका पर दो अगस्त को समन जारी किया था, जिसकी तामील रेवन्ना को नहीं हुई थी। उच्च न्यायालय ने चार सितंबर को विधानसभा सचिवालय के माध्यम से समन तामील कराने का आदेश दिया।
चुनाव में रेवन्ना को 88,103 वोट मिले और श्रेयस पटेल 84,951 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। देवराजेगौड़ा को महज 4,850 वोट मिले।
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