लोकसभा चुनाव में जद (एस) गठबंधन करेगी या अपने दम पर लड़ेगी? देवेगौड़ा ने दिया यह जवाब

देवेगौड़ा ने कहा, पार्टी साल 1983 से आज तक अस्तित्व में है और आगे भी रहेगी

लोकसभा चुनाव में जद (एस) गठबंधन करेगी या अपने दम पर लड़ेगी? देवेगौड़ा ने दिया यह जवाब

जद (एस) और कांग्रेस ने साल 2019 का लोकसभा चुनाव एकसाथ मिलकर लड़ा था

बेंगलूरु/भाषा। जनता दल (सेक्युलर) प्रमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी।

Dakshin Bharat at Google News
देवेगौड़ा ने, हालांकि जद (एस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच हाल में दिखी नजदीकियों के बीच विकल्प खुले रखने का एक तरह से संकेत दिया।

उन्होंने कहा कि पार्टी मौजूदा स्थिति के आधार पर भविष्य के अपने कदम को लेकर फैसला करेगी।

देवेगौड़ा ने यह भी कहा कि उन्हें इस महीने की शुरुआत में यहां विपक्षी दलों की बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया, क्योंकि कर्नाटक में कांग्रेस का एक वर्ग इस तरह के कदम का विरोध कर रहा था, जबकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते थे कि वे (देवेगौड़ा) बैठक में शामिल हों।

देवेगौड़ा के पुत्र एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने पिछले सप्ताह कहा था कि उनकी पार्टी विभिन्न मामलों को लेकर राज्य में कांग्रेस की सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर काम करेगी। इसी के साथ अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा और जद (एस) के हाथ मिलाने की अटकलें लगाई जाने लगी थीं।

‘अशोभनीय एवं अपमानजनक आचरण’ के लिए भाजपा के 10 विधायकों को विधानसभा से निलंबित किए जाने के बाद जद (एस) और भाजपा के विधायकों ने सदन के सत्र का बहिष्कार कर दिया था।

देवेगौड़ा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘जद (एस) लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी।’

उन्होंने कहा, ‘भले ही हम (पार्टी) पांच, छह, तीन, दो या एक ही सीट जीतें, लेकिन हम लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेंगे।’

देवेगौड़ा ने कहा, ‘हम अपने कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श करने के बाद लोकसभा चुनाव में केवल उन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेंगे, जहां हम मजबूत हैं।’

हालांकि, देवेगौड़ा ने कहा कि पार्टी मौजूदा स्थिति के आधार पर अपनी भविष्य की रणनीति तय करेगी। इस संदर्भ में, उन्होंने याद किया कि कैसे उनकी पार्टी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस-नीत सरकार को समर्थन दिया था।

जद (एस) और कांग्रेस ने साल 2019 का लोकसभा चुनाव एकसाथ मिलकर लड़ा था। तब भाजपा ने कर्नाटक की 28 में से 25 सीटें जीती थीं। जद (एस) और कांग्रेस ने एक-एक सीट हासिल की थी, जबकि भाजपा समर्थित एक निर्दलीय ने भी जीत हासिल की थी। तुमकूरु लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले देवेगौड़ा भी हार गए थे।

इस सवाल पर कि 17 जुलाई को बेंगलूरु में विपक्षी दलों की बैठक के लिए उन्हें आमंत्रित क्यों नहीं किया गया, देवेगौड़ा ने कहा कि कर्नाटक के कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग ने उनकी उपस्थिति का विरोध किया था। उन्होंने कहा, यहां (कर्नाटक में) कांग्रेस के एक वर्ग ने धमकी दी थी कि अगर देवेगौड़ा को आमंत्रित किया गया तो वे कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। इसलिए, मुझे नहीं बुलाया गया।’

देवेगौड़ा ने कहा कि नीतीश कुमार उन्हें आमंत्रित करना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेता इसके पक्ष में नहीं थे।

मई में 224-सदस्यीय कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में जद (एस) ने खराब प्रदर्शन किया था और उसे केवल 19 सीट हासिल हुई थीं।

देवेगौड़ा ने कहा, पार्टी साल 1983 से आज तक अस्तित्व में है और आगे भी रहेगी। जो लोग सोचते हैं कि पार्टी खत्म हो जाएगी, वे भ्रम में जी रहे हैं। यह संभव नहीं है।

देवेगौड़ा के अनुसार, 19 विधायकों, सात विधानपरिषद सदस्य और शीर्ष नेताओं ने पिछले सप्ताह एक बैठक की थी और जिलों में प्रचार के लिए कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की थी, जिसे कुमारस्वामी के विदेश से लौटने के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

पिछले 5 सालों में भारतीय बाजारों ने चीन से बेहतर रिटर्न दिया! पिछले 5 सालों में भारतीय बाजारों ने चीन से बेहतर रिटर्न दिया!
भारतीय बाजारों को 'सोने पे सुहागा' बताया
हुब्बली दंगों से संबंधित मामले वापस लेने के फैसले पर क्या बोले कर्नाटक के गृह मंत्री?
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण के मद्देनजर पटाखों पर प्रतिबंध लगाया
उप्र: बहराइच हिंसा मामले में एक व्यक्ति पर मामला दर्ज, लगभग 30 हिरासत में लिए गए
महाराष्ट्र: शिंदे सरकार ने की बड़ी राहत की घोषणा, आज आधी रात से होगी लागू
जापान यात्रा पर गए थल सेना प्रमुख, चीन से निपटने के लिए बढ़ाएंगे रक्षा सहयोग!
बांग्लादेश: कब सुरक्षित होंगे अल्पसंख्यक?