इस सत्र में जो बिल लाए जा रहे, वे सीधे-सीधे जनता से जुड़े हुए: मोदी
प्रधानमंत्री ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन मीडिया को संबोधित किया
सभी सांसद इस सत्र का भरपूर उपयोग करके जनहित के कामों को आगे बढ़ाएं
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन मीडिया को संबोधित करते हुए विश्वास जताया कि सभी सदस्य इसका जनहित में अधिकतम उपयोग करेंगे।
प्रधानमंत्री ने मानसून सत्र में सबका स्वागत करते हुए कहा कि सावन का पवित्र मास चल रहा है और इस बार तो डबल सावन है, इसलिए सावन की अवधि भी ज्यादा है। सावन मास पवित्र संकल्प और पवित्र कार्यों के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है।प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब लोकतंत्र के मंदिर में हम इस पवित्र मास में मिल रहे हैं, तो अनेक पवित्र कार्य करने का इससे बड़ा उत्तम अवसर नहीं हो सकता। मुझे विश्वास है कि सभी सांसद मिलकर इस सत्र का जनहित में सर्वाधिक उपयोग करेंगे।
संसद की जो जिम्मेदारी है और हर सांसद की जिम्मेदारी है कि ऐसे अनेक कानूनों को बनाना, उसकी विस्तार से चर्चा करना बहुत ही आवश्यक है। चर्चा जितनी ज्यादा और जितनी ज्यादा पैनी होती है, उतना जनहित में दूरगामी परिणाम देने वाले अच्छे निर्णय होते हैं। इसलिए सभी राजनीतिक दल और सभी सांसद इस सत्र का भरपूर उपयोग करके जनहित के कामों को आगे बढ़ाएं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सदन में जो सांसद आते हैं, वे जमीन से जुड़े हुए होते हैं, जनता के दुःख-दर्द को समझने वाले होते हैं। इसलिए जब चर्चा होती है, तो उनकी तरफ से जो विचार आते हैं, वे जड़ों से जुड़े हुए विचार आते हैं। इसलिए चर्चा तो समृद्ध होती ही है, साथ ही निर्णय भी सशक्त और परिणामकारी होते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सत्र में जो बिल लाए जा रहे हैं, वे सीधे-सीधे जनता से जुड़े हुए हैं। हमारी युवा पीढ़ी जो एक प्रकार से डिजिटल वर्ल्ड के साथ नेतृत्व कर रही है, उस समय डाटा प्रोटेक्शन बिल देश के हर नागरिक को एक नया विश्वास देने वाला और विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उसी प्रकार से राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) बिल नई शिक्षा नीति के संदर्भ में एक बहुत अहम कदम है। इसका उपयोग अनुसंधान, नवाचार एवं शोध करने को बल देगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जनविश्वास बिल सामान्य मानव के प्रति भरोसा करना, अनेक कानूनों को
डिक्रिमिनलाइज्ड करने की मुहिम को आगे बढ़ाने वाला बिल है। हमारे यहां सदियों से एक परंपरा रही है कि जब विवाद हो तो उसे संवाद से सुलझाया जाए। उसको अब कानूनी आधार देते हुए मीडिएशन बिल लाने की दिशा में इस सत्र का बहुत बड़ा उपयोग है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे अनेक महत्वपूर्ण बिल इस बार संसद में आ रहे हैं। ये जनहित के हैं, युवाहित के हैं, ये भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए हैं। मुझे विश्वास है कि सदन में गंभीरतापूर्वक चर्चा करके हम बहुत तेजी से राष्ट्रहित के महत्त्वपूर्ण कदमों को आगे बढ़ाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब मैं आपके बीच आया हूं, लोकतंत्र के इस मंदिर के पास खड़ा हूं, तब मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा हुआ है। मणिपुर की जो घटना सामने आई है, वो किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, कौन हैं... वो अपनी जगह हैं। लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है, 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है।
मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वे अपने राज्य में कानून-व्यवस्था को और मजबूत करें। खासकर हमारी माताओं-बहनों की रक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाएं। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। कानून अपनी पूरी शक्ति से एक के बाद एक कदम उठाएगा। मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ है, इसको कभी माफ नहीं किया जा सकता।