
क्रेडिट सुइस में आए संकट से भारतीय बैंकिंग तंत्र कितना असर?
सवीबी की तुलना में क्रेडिट सुइस भारतीय वित्तीय तंत्र के लिए ज्यादा प्रासंगिक है
कुछ बैंकों के बंद होने से बदल रहे हालात पर आरबीआई लगातार नजर बनाए हुए है
नई दिल्ली/भाषा। क्रेडिट सुइस में आए संकट से भारतीय बैंकिंग तंत्र पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि देश में इसकी उपस्थिति बहुत कम है। विशेषज्ञों ने यह दावा किया है।
जेफ्रीज इंडिया की रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) की तुलना में क्रेडिट सुइस भारतीय वित्तीय तंत्र के लिए ज्यादा प्रासंगिक है।
रिपोर्ट के अनुसार, स्विट्जरलैंड के बैंक की परिसंपत्तियां 20,000 करोड़ रुपए से कम (विदेशी बैंकों में 12वां) हैं। यह बैंक डेरिवेटिव बाजार में मौजूद है और इसकी संपत्ति का 60 प्रतिशत कर्ज से है, जिसमें से 96 प्रतिशत दो महीने तक के लिए ही है।
इसकी संपत्तियों में हिस्सेदारी 0.1 प्रतिशत ही है, जो बैंकिंग क्षेत्र के लिहाज से काफी कम है। क्रेडिट सुइस का मुख्यालय ज्यूरिख में है और भारत में इसकी सिर्फ एक शाखा है।
सूत्रों ने बताया कि इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) कुछ बैंकों के बंद होने से बदल रहे हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है।
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