डूबता पाकिस्तान
पाकिस्तान में पूर्व में चीन के कई नागरिक आतंकवादी हमलों में मारे जा चुके हैं
पाक की शहबाज सरकार से चीन खुश नहीं है
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। उसकी तंगहाली के बीच चीन ने भी झटका देते हुए कह दिया है कि 'तकनीकी मुद्दों के कारण इस्लामाबाद में चीनी दूतावास के कांसुलर विभाग को 13 फरवरी, 2023 से अगली सूचना मिलने तक अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।'
ये 'तकनीकी मुद्दे' क्या हैं? भले ही चीन ने खुलकर कुछ नहीं कहा, लेकिन यह स्पष्ट रूप से आतंकवादी संगठनों से मिल रहीं धमकियों का असर है। पाकिस्तान में पूर्व में चीन के कई नागरिक आतंकवादी हमलों में मारे जा चुके हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि पाक की शहबाज सरकार से चीन खुश नहीं है। सीपेक में उसका अरबों डॉलर का 'निवेश' डूब गया। हालांकि चीन इसकी वसूली से पीछे नहीं हटेगा।पाक में हाल में आतंकवाद की नई लहर आई है। बन्नू हमले के बाद पेशावर की पुलिस लाइंस की मस्जिद में आतंकवादियों ने जो कहर मचाया, उसने इस पड़ोसी देश के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं। आए दिन बम धमाके हो रहे हैं। वहीं, कट्टरपंथ में इजाफा होता जा रहा है। ननकाना साहिब में जिस तरह एक शख्स को पुलिस थाने पर हमला कर कत्ल किया गया, उससे पता चलता है कि यहां कानून व्यवस्था भंग हो चुकी है।
हो सकता है कि आने वाले कुछ दिनों में पाक सरकार के पास फौज और पुलिस को वेतन देने के लिए रकम न हो। उससे यहां भारी अराजकता फैल सकती है। पाकिस्तान के खराब आर्थिक हालात पर बात करना इसलिए भी जरूरी है कि यह हमारा ऐसा पड़ोसी देश है, जिसकी 'भस्मासुरी' मानसिकता है।
इसे खुद की बर्बादी पर कोई पछतावा नहीं होगा, अगर वह डूबते-डूबते भी भारत का नुकसान कर जाए। बहुत संभव है कि पाक में हालात वैसे हो जाएं, जैसे कि कुछ महीने पहले श्रीलंका में हुए थे। श्रीलंका की आबादी करीब 2.22 करोड़ है, जबकि पाक की आबादी 30 करोड़ से कम नहीं है।
अगर यहां हालात और बिगड़े तो भारत के लिए सुरक्षा संबंधी और चुनौतियां पैदा हो सकती हैं। बेकाबू होते हालात के बीच पाकिस्तानी फौज और आईएसआई षड्यंत्रपूर्वक लोगों के समूहों को भारतीय सीमा की ओर धकेल सकती हैं। इससे घुसपैठ के अलावा आतंकवाद का खतरा बढ़ सकता है।
ध्यान रखें कि जब अफगानिस्तान, सीरिया, इराक .. जैसे देशों के हालात बिगड़े तो लोगों ने यूरोप का रुख किया था। वहां कुछ 'अतिउदारवादी' नेताओं/संगठनों ने उनके लिए दरवाजे खोलने की मांग की थी। यूरोप ने उन्हें पनाह दे दी, लेकिन उसके बाद वहां हिंसक घटनाएं होने लगीं। जो यूरोप अपनी शांति के लिए जाना जाता था, वहां से दंगों की खबरें आने लगीं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन देशों से जो समूह यूरोप पहुंचे, उनमें सिर्फ आम आदमी नहीं, आतंकवादी भी थे। चूंकि पाकिस्तान तो आतंकवादियों का गढ़ है, इसलिए भारत को विशेष रूप से सतर्क रहना होगा। एलओसी समेत जहां पाक के साथ सीमा लगती है और जहां से घुसपैठ संभव है, वहां कड़ी निगरानी होनी चाहिए।
भारत को अमेरिका समेत वैश्विक संगठनों के समक्ष पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का मुद्दा उठाना चाहिए। ये हथियार सक्षम एजेंसी की निगरानी में बाहर ले जाकर नष्ट किए जाएं। अन्यथा पाक पूरी दुनिया के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है।