किंग्स इलेवन पंजाब के लिए कितनी कारगर साबित होगी राहुल और कुंबले की जोड़ी?
किंग्स इलेवन पंजाब के लिए कितनी कारगर साबित होगी राहुल और कुंबले की जोड़ी?
नई दिल्ली/भाषा। किंग्स इलेवन पंजाब की पुर्नगठित टीम में आगामी इंडियन प्रीमियर लीग में सफलता हासिल करने के लिए सभी जरूरी चीजें मौजूद हैं लेकिन उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि वे अच्छी शुरुआत को नहीं गंवाएं और उनका विदेशी संयोजन उपयुक्त हो।
पंजाब की टीम ने पिछले साल नीलामी में काफी राशि खर्च की और अपने मध्यक्रम को मजबूत करने और ‘डेथ ओवरों की गेंदबाजी’ की कमियों को दूर करने के लिये नौ खिलाड़ियों को खरीदा। मध्यक्रम में ग्लेन मैक्सवेल की वापसी और शेल्डन कॉट्रेल और क्रिस जोर्डन के रूप में ‘डेथ ओवरों की गेंदबाजी’ के विकल्प हासिल करने से दिख रहा है कि टीम ने अपनी कमियों को दूर कर लिया है।उनके पास क्रिस गेल और लोकेश राहुल के रूप में खतरनाक सलामी जोड़ी है और उनके बाद मयंक अग्रवाल भी आईपीएल में अपनी अंतरराष्ट्रीय सफलता को दोहराने का लक्ष्य बनाए हुए हैं। पंजाब को साथ ही निकोलस पूरन को नियमित रूप से खिलाने का तरीका ढूंढ़ना होगा क्योंकि वेस्टइंडीज का यह खिलाड़ी कैरेबियाई प्रीमियर लीग में सफल अभियान के बाद यहां पहुंच रहा है।
लीग चरण के ज्यादातर हिस्से में मध्यक्रम में मैक्सवेल का साथ देने के लिए मंदीप सिंह या सरफराज खान के मौजूद रहने की उम्मीद है।
यह सत्र राहुल की कप्तानी के लिए भी बड़ी परीक्षा होगा जिन्हें सलामी बल्लेबाज के तौर पर दो सत्र में शानदार प्रदर्शन के आधार पर टीम की अगुआई की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जैसा कि वह खुद कह चुके हैं, उन्हें इस दबाव भरी चुनौती से निपटने के लिए मुख्य कोच अनिल कुंबले और बाकी सहयोगी स्टाफ पर निर्भर रहना होगा।
कॉट्रेल और जोर्डन के अलावा तेज गेंदबाजी में अन्य विकल्प मोहम्मद शमी, जेम्स नीशाम, हार्डस विलजोन, दर्शन नलकंडे, अर्शदीप सिंह और इशान पोरेल हैं।
संयुक्त अरब अमीरात की पिचों पर स्पिन के बड़ी भूमिका निभाने की उम्मीद है लेकिन किंग्स इलेवन पंजाब के पास आर अश्विन के जाने के बाद इस विभाग में कोई बड़ा नाम नहीं है। मुजीब जादरान ही एकमात्र बड़ा स्पिनर है लेकिन उन्होंने पिछले साल पांच मैच खेले जिसमें केवल तीन विकेट चटकाये।
उन्होंने राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली से क्रमश: आफ स्पिनर के गौतम और बाएं हाथ के स्पिनर जे सुचित को लिया है। हालांकि उम्मीद लेग स्पिनर रवि बिश्नोई से लगी होंगी जिन्होंने 2020 अंडर-19 विश्व कप में प्रभावित किया।
मैक्सवेल इस बात संतोष कर सकते हैं कि पिछली बार जब टूर्नामेंट का कुछ हिस्सा संयुक्त अरब अमीरात में खेला गया था, किंग्स इलेवन पंजाब के लिए उनका सफर शानदार रहा था। तब 2014 में इस आस्ट्रेलियाई ने 16 मैचों में 552 रन बनाए थे जिससे टीम अब तक के अपने एकमात्र फाइनल में पहुंची थी। टीम तब उप विजेता रही और अंतिम बार प्ले आफ में पहुंची थी।
टीम इस प्रकार है:
केएल राहुल, क्रिस गेल, मयंक अग्रवाल, निकोलस पूरन, ग्लेन मैक्सवेल, जेम्स नीशम, क्रिस जॉर्डन, मोहम्मद शमी, मुजीब जादरान, शेल्डन कॉट्रेल, हार्डस विलजोन, दर्शन नलकंडे, हरप्रीत बरार, अर्शदीप सिंह, मंदीप सिंह, सरफराज खान, के गौतम, जे सुचित, रवि बिश्नोई, दीपक हुड्डा, तजिंदर ढिल्लों, प्रभसिमरन सिंह और मुरुगन अश्विन।