द्रविड़ : भरोसे की दीवार पर आखिर दर्ज हुई विश्वकप जीत

द्रविड़ : भरोसे की दीवार पर आखिर दर्ज हुई विश्वकप जीत

नई दिल्ली। आधुनिक क्रिकेट के सबसे जेंटलमैन खिला़डी राहुल द्रवि़ड के करियर की एक ब़डी कमी अब दूर हो गई। यह कमी थी एक अदद विश्वकप ट्राफी जीतने की। द्रवि़ड अपने सफल-सुनहरे कैरियर में भले ही यह सपना पूरा नहीं कर पाए लेकिन उनके शिष्यों ने अंडर १९ विश्वकप जीतकर यह ट्राफी आज गुरूदक्षिणा के रूप में उनकी झोली में डाल दी। क्रिकेट की दुनिया में श्रीमान भरोसेमंद, संकटमोचक और भारत की दीवार जैसे कई विशेषणों के बावजूद द्रवि़ड अब तक किसी विश्वकप विजेता टीम का हिस्सा नहीं रहे थे। लेकिन आज भारत के जिन युवाओं ने अंडर १९ विश्वकप जीता उसके गुरु यानी कोच राहुल द्रवि़ड हैं।दरअसल भारतीय क्रिकेट की अगली नस्ल को तैयार करने की जिम्मेदारी उठाने वाले द्रवि़ड ने सितारों की फौज में नहीं बल्कि टीमवर्क में भरोसा रखने वाली एकादश बनाई है और इसकी बानगी अंडर १९ विश्व कप में देखने को मिली। यह द्रवि़ड का ही जज्बा था कि टूर्नामेंट के दौरान बेंगलूरु में आईपीएल की नीलामी हुई लेकिन अपनी युवा ब्रिगेड का ध्यान उन्होंने भटकने नहीं दिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा, आईपीएल नीलामी हर साल होगी लेकिन देश के लिए विश्व कप खेलने का मौका बार बार नहीं मिलेगा। इसके बाद जो हुआ, वह अब इतिहास है। द्रवि़ड ने इन खिलाि़डयों को सपने देखने का हौसला दिया और वह सपना हकीकत में बदला जो वह बतौर खिला़डी पूरा नहीं कर पाए थे।भारत अंडर १९ विश्व कप में सबसे ज्यादा चार बार विश्व कप जीतने वाली एकमात्र टीम बन गई। अब तक ऑस्ट्रेलिया और उसके नाम तीन-तीन खिताब थे।

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