कीजिए मां लक्ष्मी की उस प्रतिमा के दर्शन जिसके चरणों की पूजा करने आते हैं सूर्यदेव
कीजिए मां लक्ष्मी की उस प्रतिमा के दर्शन जिसके चरणों की पूजा करने आते हैं सूर्यदेव
कोल्हापुर। मां लक्ष्मी अन्न, धन और सुख-संपदा की अधिष्ठात्री देवी हैं। जिन पर इनकी कृपा होती है, उसके अभाव दूर हो जाते हैं। जहां से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है, वहां दुख, दरिद्रता और अभाव का वास हो जाता है। इसलिए हर कोई मां लक्ष्मी से उनकी कृपा पाना चाहता है और उनके चरणों की वंदना करता है।
अद्भुत परंतु सत्यक्या आपने लक्ष्मी की ऐसी प्रतिमा के दर्शन किए हैं जिसकी वंदना करने के लिए स्वयं सूर्यदेव आते हैं? यह सुनने में थोड़ा आश्चर्यजनक लग सकता है परंतु पूरी तरह सत्य है। भारत में देवी लक्ष्मी का एक मंदिर ऐसा है जहां यह अद्भुत घटना होती है। इस विशेषता के कारण यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है और हर साल देश-विदेश से काफी लोग दर्शन-पूजन के लिए आते हैं।
कहां है यह मंदिर?
यह मंदिर महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित है। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि यह अत्यंत प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण सातवीं सदी में चालुक्य वंश के राजा कर्णदेव ने करवाया था। लक्ष्मीजी की जो प्रतिमा मंदिर में विराजमान है, वह हजारों साल पुरानी बताई जाती है। इस मंदिर में सूर्यदेव लक्ष्मी के चरणों की वंदना करते हैं।
श्रद्धालु करते हैं जय-जयकार
दरअसल इस मंदिर और प्रतिमा की स्थिति इस प्रकार है कि जनवरी और फरवरी के महीने में सूर्य की किरणें प्रात: काल देवी के चरणों पर गिरती हैं। इसके बाद वे लक्ष्मी के मुखमंडल तक जाती है, तब वह सूर्य के तेज से दमकने लगता है। इस दृश्य को देखते ही श्रद्धालु देवी लक्ष्मी की जय-जयकार करने लगते हैं।
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