राजमार्गों पर नियम

राजमार्गों पर नियम

हमारे राजमार्गों पर सुरक्षा की समस्या अनोखी है। इसका कारण केवल रफ्तार और वाहन चलाने में लापरवाही ही नहीं है बल्कि भारी वाहनों के धीरे चलने और उनको कहीं भी ख़डा कर देना भी उतना ही खतरनाक है। प्रति वर्ष सडकों पर जान गंवाने वालों की संख्या ब़ढती जा रही है और प्रति वर्ष सरकार सडकों पर सुरक्षा ब़ढाने की बात तो करती है परंतु बिना कोई ठोस योजना के यातायात नियमों को पूर्ण रूप से लागू नहीं किया जाता है। देश भर में कई ऐसी घटनाएं होती हैं जब तेज गति से चले जा रहे वाहन की दुर्घटना स़डक पर बिना संकेत के ख़डे ब़डे वाहन से हो जाती है। ऐसे में जान माल का नुकसान भी होता है परंतु इस समस्या को अक्सर ऩजर अंदा़ज कर दिया जाता है। ऐसे हादसे होते ही रहते हैं और चिंता का विषय यह है कि ऐसे हादसों पर सरकार लगाम नहीं लगा पा रही है। हमारे राजमार्गों को सुरक्षित बनाने के लिए कई नए नियमों और सुविधाओं की आवश्यकता है। सच तो यह है कि सभी राजमार्गों का विकास अनिवार्य है और उन पर यमुना एक्सप्रेस-वे जैसे नियम लागू करने की और साथ ही सुविधाओं को उपलब्ध करने की आवश्यकता है। राजमार्गों पर कई ऐसे इलाके हैं जहाँ पर अगर हादसा हो जाए तो निकटतम चिकित्सा केंद्र अथवा अस्पताल पहुँचने में एक से डेढ घंटा लग सकता है और वह भी जब हादसे में घायल व्यक्ति को तुरंत अस्पताल पहुँचाने की कोशिश की जाए और एम्बुलेंस के आने का इंत़जार नहीं किया जाए। हमारे देश की स़डकों को सुरक्षित बनाने की आवश्यकता है और इसके लिए सरकार को क़डी मशकत करनी प़डेगी। केवल क़डे नियम बनाने से स़डकें सुरक्षित नहीं हो जाती है उनको सुरक्षित बनाने के लिए सडकों पर नियमों को सकती से लागू करना भी अनिवार्य है। कई राजमार्गों पर आज भी वाहनों की ऱफ्तार की अधिकतम सीमा ६० किलोमीटर प्रति घंटा ही है। यह ऱफ्तार सीमा पिछले ३ दशकों से बदली नहीं गई है। हमारे वाहन आधुनिक हो चुके हैं और अधिकांश वाहन राजमार्गों पर औसत ९०-१०० किलोमीटर प्रति घंटे की ऱफ्तार पर ही चलते हैं। ऐसे में भारी और धीमे वाहनों को बाईं और चलना चाहिए परंतु ऐसा होता नहीं है। हमारी सडकों पर भारी वाहन चालाकों को राजमार्गों पर वाहन चलाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है। कई भारी वाहन के चालक अपनी गा़डी को दाहिनी और चलते हैं। इसका असर यह होता है कि अगर कोई धीमा वाहन बाई कतार में चल रहा है और अगर उसके बगल में एक लापरवाह चालक अपने भारी वाहन को दाहिनी और चलाने लगता है तो दोनों धीमी गाि़डयों की वजह से उनके पीछे आ रहे तेज वाहनों को आगे जाने में दिक्कत होती है।सरकार को गंभीरता से राजमार्गों यातायात सुविधाओं में सुधार लाने के साथ ही लापरवाही से चलाए जा रहे वाहनों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी और साथ ही हाईवे पेट्रोलिंग की गाि़डयों में इजाफा करने की जरूरत है। अगर किसी भी क्षेत्र में कोई हादसा होता है तो सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाने पर घटना स्थल पर राहत जल्द पहुंचाई जा सकती है। साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाने के समय भारी वाहन चालकों को मुख्य विषयों पर प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए। देश में जीएसटी के लागू होने के बाद राजमार्गों का और अधिक उपयोग किया जाएगा और सरकार को राजमार्गों पर जान माल की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने प़डेंगे। यातायात नियंत्रित करने और साथ ही राजमार्गों पर पुलिस की सक्रियता ब़ढाने की आवश्यकता है।

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