आयकर विभाग ने नवंबर तक 1.46 लाख करोड़ रुपए का कर रिफंड किया

आयकर विभाग ने नवंबर तक 1.46 लाख करोड़ रुपए का कर रिफंड किया

आयकर विभाग

नई दिल्ली/भाषा। आयकर विभाग ने 2019-20 के पहले आठ माह में नवंबर तक कुल 1.46 लाख करोड़ रुपए के कर रिफंड किए हैं। यह रिफंड 2.10 करोड़ रिफंड मामलों के आकलन के बाद किया गया। अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल की इस अवधि के मुकाबले कर रिफंड का आंकड़ा 20 प्रतिशत बढ़ा है।

अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) में मामलों की जांच परख प्रक्रिया तेज होने के बाद रिफंड प्रक्रिया की गति बढ़ी है।

अधिकारियों ने कहा कि सीपीसी ने अप्रैल, 2019 से 28 नवंबर तक चालू वित्त वर्ष के आठ माह में 4.70 करोड़ कर रिटर्न का प्रसंस्करण किया। एक साल पहले समान अवधि में यह आंकड़ा 3.91 करोड़ था।

इस दौरान सीपीसी ने आकलन वर्ष 2019-20 के लिए 28 नवंबर तक कुल 2.10 करोड़ कर रिफंड के मामलों का निपटान किया। एक साल पहले इसी अवधि में उसने 1.75 करोड़ कर रिफंड के मामलों का निपटान किया था।

यह 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। चालू वित्त वर्ष में 28 नवंबर तक कर रिफंड के तहत कुल 1.46 लाख करोड़ रुपए की राशि लौटाई गई है, जो एक साल पहले समान अवधि में 1.19 लाख करोड़ रुपए थी। इस तरह कर रिफंड की राशि में 22.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

वित्त वर्ष 2019-20 में 2.10 करोड़ कर रिफंड के निपटाए गए मामलों में से 68 प्रतिशत में रिफंड आयकर रिटर्न के ई-सत्यापन के 30 दिन के अंदर जारी किए गए। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 57 प्रतिशत का था।

अधिकारियों ने बताया कि सीपीसी द्वारा जारी सभी रिफंड सीधे करदाता के बैंक खातों में डाले गए हैं। 29 नवंबर तक सत्यापित लंबित रिफंड की संख्या 20.76 लाख थी। फिलहाल इनके प्रसंस्करण का काम चल रहा है।

Google News
Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement

Latest News

'छद्म युद्ध' की चुनौतियां 'छद्म युद्ध' की चुनौतियां
आर्थिक दृष्टि से अधिक शक्तिशाली भारत अपने दुश्मनों पर और ज्यादा शक्ति के साथ प्रहार कर सकेगा
दपरे: कारगिल युद्ध के वीरों के सम्मान में सेंट्रल हॉस्पिटल ने रक्तदान शिविर लगाया
कर्नाटक सरकार ने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलूरु दक्षिण करने का फैसला किया
मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर ने कारगिल युद्ध विजय की 25वीं वर्षगांठ मनाई
एमयूडीए मामला: प्रह्लाद जोशी ने सिद्दरामैया पर आरोप लगाया, सीबीआई जांच की मांग की
भोजनालयों पर नाम प्रदर्शित करने संबंधी निर्देश पर योगी सरकार ने उच्चतम न्यायालय में क्या दलील दी?
'विपक्षी दल के रूप में काम नहीं कर रही भाजपा, कुछ भी गलत या घोटाला नहीं हुआ'