तमिलनाडु: टिकट दिलाने के नाम पर 50 लाख की धोखाधड़ी का आरोप, जांच में जुटी पुलिस
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तमिलनाडु: टिकट दिलाने के नाम पर 50 लाख की धोखाधड़ी का आरोप, जांच में जुटी पुलिस
चेन्नई/दक्षिण भारत। चेन्नई पुलिस तमिलनाडु में हाल में हुए विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट आवंटन के नाम पर भाजपा सदस्यों द्वारा कथित धोखाधड़ी के मामले की जांच कर रही है।
पोंडी बाजार पुलिस ने आरानी से एक शख्स की शिकायत के आधार पर चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें से एक व्यक्ति ने केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी का सहायक होने का दावा किया था। आरोपों के अनुसार, भाजपा का टिकट पाने के लिए उसे 12 मार्च को 50 लाख रुपए दिए थे।
किशन रेड्डी को पार्टी द्वारा इस साल फरवरी के पहले सप्ताह में तमिलनाडु में भाजपा का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया था। वे तब गृह राज्य मंत्री थे। हाल में हुए फेरबदल में उनके पोर्टफोलियो को बदलकर उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्री कर दिया गया है।
उक्त मामले में पुलिस ने नरोथमन नामक शख्स के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जो कि किशन रेड्डी का तत्कालीन सहायक कहा जा रहा है। नरोथमन के पिता चिट्टी बाबू, हैदराबाद से और विजयरमन तथा उसका बेटा शिव बालाजी पेरंबूर, चेन्नई से हैं।
शिकायतकर्ता आरानी नगर भाजपा अध्यक्ष भुवनेश कुमार ने अपनी शिकायत में दावा किया कि विजयरमन ने उन्हें मंत्री के ‘पीए’ से मिलवाया था, और पार्टी टिकट के लिए एक करोड़ रुपए की मांग की थी। भुवनेश कुमार आरानी से चुनाव लड़ना चाहते थे।
आरोपों के अनुसार, उन्होंने टिकट के लिए 50 लाख रुपए का अग्रिम भुगतान किया और यह राशि भाजपा उम्मीदवारों की सूची की घोषणा से पहले 12 मार्च को टी नगर के एक होटल में दी गई। उनकी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद बाकी राशि का भुगतान करना था।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब उम्मीदवारों की सूची जारी हुई तो उसमें उनका नाम ही नहीं था। इस पर भुवनेश कुमार ने नरोथमन से संपर्क किया। उन्हें बताया गया कि वे या उनकी बहन (जो भाजपा की पदाधिकारी भी हैं) तिरुवन्नामलाई से चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन उनका नाम पार्टी द्वारा आधिकारिक रूप से जारी की गई सूची में भी नहीं आया।
उसके बाद भुवनेश कुमार ने अपने पैसे वापस मांगे, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। आखिरकार उन्होंने पोंडी बाजार थाने में शिकायत की जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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