कथित खनन माफिया शेखर रेड्डी की कथित डायरी को लेकर मचा घमासान

कथित खनन माफिया शेखर रेड्डी की कथित डायरी को लेकर मचा घमासान

चेन्नई। गत वर्ष केन्द्र सरकार द्वारा नोटबंदी घोषित होने के बाद आयकर विभाग की कार्रवाई के कारण सुर्खियों में आए राज्य के कथित खनन माफिया शेखर रेड्डी की एक कथित डायरी में राज्य के कई मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के नाम होने का दावा किया गया था। इसके बाद राज्य के राजनीतिक गलियारों में घमासान मचा हुआ है। कुछ निजी समाचार चैनलों ने इस कथित डायरी के कुछ अंशों को प्रसारित किया है। इसके बाद से ही राज्य की विपक्षी पार्टियांं सत्तारुढ अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) पर निशाना साध रही हैं। द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और पट्टालि मक्कल कच्चि (पीएमके) ने उन मंत्रियों को बर्खास्त करने की मांग की है जिनका नाम इस डायरी में होने का दावा किया जा रहा है।हालांकि शेखर रेड्डी ने इस बात से इंकार किया है कि उसने राज्य के किसी मंत्री को रिश्वत दी है। शेखर रेड्डी ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उसने कभी भी राज्य के किसी मंत्री या अधिकारी को रिश्वत नहीं दी है। रेड्डी ने यहां कहा, ‘वह लोग यह दावा कर रहे हैं कि वह मेरी डायरी है जोकि मेरे द्वारा लिखी ही नहीं गई है। मैंैने कभी भी अपने जीवन में डायरी नहीं लिखी। वह कुछ कागजों को दिखा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि यह मेरी डायरी है। राज्य के कई निजी टीवी चैनलों द्वारा डायरी के कुछ पृष्ठों का विजुअल प्रसारित कर रहे हैं जिसमें राज्य के कई मंत्रियों और अधिकारियों का नाम है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि शेखर रेड्डी की इस कथित डायरी में जिन लोगों का नाम है शेखर रेड्डी ने उन लोगों को रिश्वत दी है। मीडिया में इस प्रकार का दावा किया जा रहा है कि यह डायरी आयकर विभाग के अधिकारियों ने पिछले वर्ष शेखर रेड्डी के कार्यालयों पर संपत्तियों पर की गई छापेमारी के दौरान जब्त की थी। इस संबंध में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं है। मैनें पहले भी कई बार कहा है कि आयकर विभाग की कार्रवाई में सत्तारुढ पार्टी के मंत्रियों को किए गए भुगतान के बारे में खुलासा हुआ था। रिश्वत लेने वाले मंत्रियों को इस्तीफा देना चाहिए और राज्यपाल को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इस मामले में सच्चाई सामने लाने के लिए केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा इसकी जांच कराई जानी चाहिए।पट्टालि मक्कल कच्चि (पीएमके) के युवा प्रकोष्ठ के नेता अंबुमणि रामदास ने भी यही मांग की है। मीडिया में अन्नाद्रमुक के कुछ सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि अन्नाद्रमुक द्वारा किसी भी मंत्री पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी क्योंकि किसी अनजान हैंडराइटिंग में लिखे कुछ पृष्ठों को साक्ष्य नहीं माना जा सकता। अन्नाद्रमुक ने कहा है कि द्रमुक और पीएमके दोनों ही अपने भ्रष्टाचार के लिए मशहूर हैं और ऐसे में उन्हें अन्नाद्रमुक से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रश्न करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

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