अन्नाद्रमुक महापरिषद की बैठक में पारित किए महत्वपूर्ण प्रस्ताव
अन्नाद्रमुक महापरिषद की बैठक में पारित किए महत्वपूर्ण प्रस्ताव
चेन्नई। राज्य की सत्तारुढ अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) की महापरिषद की बैठक मंगलवार को वनग्राम स्थित एक विवाह भवन में बुलाई गई। इस बैठक में काफी संख्या में पार्टी के महापरिषद और पार्टी की कार्यकारिणी समिति के सदस्य उपस्थित हुए। बैठक में सबसे पहले मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम पहुंचे। अन्नाद्रमुक के पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम ध़डे के एक साथ आने के बाद पार्टी की महापरिषद और पार्टी की कार्यकारिणी समिति की यह पहली बैठक थी। इससे पूर्व इस बैठक के आयोजन को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी क्योंकि दिनाकरण खेमे की ओर से इस बैठक पर रोक लगाने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। हालांकि मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को इस मामले में एक एकल पीठ द्वारा दिए गए आदेश को बरकरार रखा और इस बैठक पर रोक लगाने से इंकार कर दिया जिसके बाद इस बैठक के आयोजन का रास्ता साफ हो गया था।द्बब्य्झ्यद्यप्तख्र ·र्ैंर् द्धस्ट्ठ·र्ैं फ्ष्ठ झ्रूप्श्च द्धरुध्य्ंश्च ख्ंश्च ·र्ैंय्द्भश्च·र्ैंय्यद्यह्लय्र् फ्यद्ब्यत्र ·र्ैंर् द्धस्ट्ठ·र्ैंपार्टी की महापरिषद की बैठक से पूर्व पार्टी की कार्यकारिणी समिति के सदस्यों की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों से आए पार्टी के जिला सचिव और अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में पार्टी के दोनों ध़डों के एक होने के बाद पदों के निर्धारण के बारे में चर्चा की गई। इस बैठक के दौरान महापरिषद की बैठक में रखे जाने वाले मुद्दों पर पार्टी के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की गई। कार्यकारिणी समिति के सदस्यों ने पिछले कुछ महीनों से दिनाकरण और मुख्यमंत्री पलानीस्वामी के बीच चल रही खींचतान के मुद्दे पर अपने सुझाव रखे। सूत्रों के अनुसार महापरिषद की बैठक बुलाने से पहले कार्यकारिणी समिति की बैठक बुलाने का मुख्य उद्देश्य यही था कि महापरिषद में पारित किए जाने वाले प्रस्तावों पर पार्टी के सभी पदाधिकारियों को विश्वास में ले लिया जाए। सुबह १० बजे शुरु हुई पार्टी कार्यकारिणी समिति की बैठक मात्र आधे घंटे में समाप्त हो गई और उसके बाद पार्टी की महापरिषद की बैठक शुरु करने की घोषणा कर दी गई।·र्रुैंध् ्यद्बध्य्·र्ैंद्य र्ींु झ्श्नडत्रय्प् ब्रुॅ झ्य्यद्यत्रपार्टी महापरिषद की बैठक मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम की मौजूदगी में और पार्टी के प्रेसेडियम अध्यक्ष ई मधुसूदनन की अध्यक्षता में शुरु हुई। महापरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित किया गया। इनमें सबसे अहम प्रस्ताव पार्टी की अंतरिम महासचिव और फिलहाल आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में जेल में बंद वीके शशिकला को पार्टी से बर्खास्त करने का प्रस्ताव था। इस प्रस्ताव को पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य आर वैयतिलिंगम ने पढा और उसके बाद महापरिषद के सभी सदस्यों द्वारा इसे दोहराया गया तथा इसे सर्वसम्मति से पारित कर लिया गया। इसके साथ ही शशिकला द्वारा जेल जाने से पूर्व पार्टी के उप महासचिव नियुक्त किए गए टीटीवी दिनाकरण को भी पार्टी से हटाने का प्रस्ताव सफलतापूर्वक पारित कर दिया गया। कुल मिलाकर इस बैठक में १२ प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित किया गया।झ्य्ट्टर्श्च ·र्ष्ठैं ृडत्र्य्द्भर् द्बब्य्फ्यघ्प् ·र्ैंय्झ्ख्र ज्Žत्रपार्टी ने मंगलवार को महापरिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित कर यह निर्णय लिया कि पार्टी के अस्थायी महासचिव का पद हमेशा के लिए जब्त किया जाता है और पार्टी की महासचिव पद के लिए कोई चुनाव नहीं होगा। यह पद हमेशा जयललिता के पास रहेगा। इस संबंध में जारी प्रस्ताव में कहा गया कि पार्टी के महासचिव के पद के लिए दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता (अम्मा) के अलावा कोई और योग्य नहीं है। इस प्रस्ताव के माध्यम से वह हमेशा पार्टी के दस्तावेजों में पार्टी की महासचिव रहेंगी। इसके साथ ही एक अन्य प्रस्ताव पारित कर यह निर्णय लिया गया कि जयललिता ने जिन लोगों को पार्टी पदाधिकारी के रुप में नियुक्त किया था वह सभी अपने पुराने पदों पर कायम रहेंगे। पार्टी के सभी कैडर और पदाधिकारी पार्टी के दिशा निर्देशों के अनुरुप अपना कार्य करेंगे। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस वर्ष फरवरी से लेकर मंगलवार तक टीटीवी दिनाकरण द्वारा पार्टी के पदों से जिनको भी निष्काषित किया गया है अथवा उनके द्वारा जिनको भी पार्टी का पद दिया गया है वह अमान्य एवं अवैध माना जाएगा।ॅ·र्ैंर्·र्ल्ैंत्र थ्ठ्ठणक्कय् झ्श्नय्ञ्च् ·र्ैंद्यष्ठख्य् झ्रुद्यय्द्मय् घ्रुद्मय्प् ्यघ़्ब् आर वैयतिलिंगम ने पार्टी महापरिषद में सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के ध़डों के विलय के बाद अब यह पार्टी का एकीकृत ध़डा हो चुका है और जल्द ही यह ध़डा चुनाव आयोग से अपना चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम वापस आवंटित करने का अनुरोध करेगा। उनकी इस घोषणा के बाद बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने इसका करतल ध्वनि से स्वागत किया और इस पर अपनी सहमति दी। इस बैठक में पार्टी के कुछ उप नियमों में बदलाव करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। पार्टी की महापरिषद ने यह निर्णय लिया कि नए पदों का सृजन लोकतांत्रिक ढंग से किया जाएगा। पार्टी के मुख्य संयोजक ओ पन्नीरसेल्वम तथा सहायक मुख्य संयोजक ईके पलानीस्वामी होंगे। महापरिषद के सभी अधिकार पार्टी के मुख्य संयोजक और सहायक मुख्य संयोजक के पास होंगे।