हेलमेट नहीं पहनने वालों के लिए पुलिस का अनूठा अभियान

हेलमेट नहीं पहनने वालों के लिए पुलिस का अनूठा अभियान

चेन्नई। चेन्नई पुलिस ने हेलमेट नहीं पहनने वाले युवाओं को जागरुक करने के लिए एक अनूठा अभियान शुरु किया है। इस अभियान के तहत चेन्नई यातायात पुलिस ऐसे युवाओं को पक़डती है जो बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाते हैं। इन युवाओं को पुलिस द्वारा एक टीशर्ट दिया जाता है जिसके सामने ‘हेलमेट कहां है?’’ और पिछले वाले हिस्से पर ‘हेलमेट पहनें’’ लिखा हुआ होता है। इस टीशर्ट को पहनकर इन युवाओं को किसी निर्धारित इलाके में वाहन चलाने के लिए कहा जाता है। इस प्रकार युवाओं को हेलमेट पहनने के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए कहा जाता है। चेन्नई उत्तर के यातायात पुलिस के उपायुक्त डी षन्मुगप्रिया ने इस नए अनूठे अभियान के बारे में पत्रकारों को बताया कि हेलमेट नहीं लगाने वाले दोपहिया वाहन चालकों से जुर्माना वसूला जाता है तो वह आसानी से जुर्माना भर देते हैं लेकिन सिर्फ इतना कर देने से वह भविष्य में हेलमेट पहनने के लिए जागरुक नहीं किए जा सकते। इसलिए यह अभियान शुरु किया गया है। इस प्रकार अगर टीशर्ट पहनकर लोगों को जागरुक करने के लिए कहा जाए तो युवाओं को अपनी गलती का एहसास तो होता ही है, साथ ही वह चाहे-अनचाहे इस संवेदनशील मुद्दे पर लोगों को जागरुक करने में सहभागी भी बन जाते हैं।इस नए अनूठे अभियान का विचार पुलिस उपायुक्त डी षन्मुगप्रिया का ही है। खास बात यह है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले बाइक सवारों के लिए टीशर्ट छपवाने के लिए अधिकारियों ने किसी की मदद नहीं ली है और उन्होंने खुद अपने पैसे से ५० टीशर्ट खरीदी हैं और उन पर यह संदेश छपवाया है। हाल ही में पुलिस ने शहर के पैरिस कॉर्नर और धोबीपेट इलाके में यह अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान ३० से अधिक बाइक सवारों को पक़डा गया और उन्हें संदेश लिखे टीशर्ट पहनकर जागरुक करने का कार्य सौंपा गया।नियमों का उल्लंघन करने के कारण पक़डे गए ज्यादातर लोग भी पुलिस की इस पहल की सराहना करते हैं। पक़डे जाने के बाद उन्हें एक पुलिस जीप के पीछ-पीछे अपने बाइक से चलना होता है और कुछ स्थानों पर रुककर लोगों को हेलमेट पहनने के बारे में बताना होता है। पुलिस का कहना है कि इस अभियान के बाद कई उल्लंघनकर्ताओं में हेलमेट पहनने के प्रति जागरुकता आई है और वह पुलिस के जागरुकता अभियान में मदद करने की इच्छा प्रकट कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को यह विचार अच्छा लगता है तो इस अभियान को पूरे शहर में भी लागू किया जा सकता है।पुलिस का कहना है कि इस प्रकार अगर टीशर्ट पहनकर लोगों को जागरुक करने के लिए कहा जाए तो युवाओं को अपनी गलती का एहसास तो होता ही है साथ ही वह चाहे-अनचाहे इस संवेदनशील मुद्दे पर लोगों को जागरुक करने में सहभागी भी बन जाते हैं।

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