विजय युद्ध स्मारक पर शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

विजय युद्ध स्मारक पर शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

चेन्नई। करगिल युद्ध में भारत की जीत को याद करते हुए हर वर्ष २६ जुलाई को विजय दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत ने करगिल के द्रास पोस्ट पर जीत हासिल की थी और पाकिस्तान को युद्ध में परास्त किया था। करगिल युद्ध ६० दिनों से अधिक समय तक ल़डा गया था और अंतत: २६ जुलाई १९९९ को भारत ने पाकिस्तान को हराकर अपने पोस्ट पर कब्जा कर लिया था। पाकिस्तान घुसपैठियों से भारतीय पोस्ट को मुक्त कराने के लिए ल़डे गए इस युद्ध को ऑपरेशन विजय का नाम दिया गया था। इस अवसर पर चेन्नई स्थित विजय युद्ध स्मारक पर सेना के अधिकारियों ने सेना के शहीद जवानों को सलामी दी और उनकी शहादत को याद किया। बुधवार को सुबह मरीना बीच के निकट स्थित करगिल विजय युद्ध स्मारक पर सेना के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में सेना के दक्षिण भारत क्षेत्र के जनरल ऑफीसर कमांडिंग लेफ्टीनेंट आरके आनंद ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में सेना के सेवानिवृत्त जवानों के साथ ही जूनियर कमीशन अधिकारियों और जवानों ने भी हिस्सा लिया। इसके बाद आम नागरिकों ने भी विजय युद्ध स्मारक पर मोमबत्तियां जलाकर शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर लेफ्टिनेंट आरके आनंद ने कहा कि हम अपने युद्ध के नायकों को सलाम करते हैं जिन्होंने हमारे राष्ट्र के लिए अपने प्राणों को बलिदान कर दिया। हम इन शहीदों के परिवार के सदस्यों को भी सलाम करते हैं जिन्होंने राष्ट्र के लिए ऐसे बहादुर लोगों को जन्म दिया जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण देने तक में नहीं ठिठके। उन्होंने कहा कि ऐसे शहीदों का सिर हमेशा गर्व से ऊंचा रहेगा क्योंकि पूरा राष्ट्र उनके साथ है। उनके द्वारा दिया गया बलिदान हमेशा हमें प्रेरित करता रहेगा। यह २६ जुलाई १९९९ का दिन था जब करगिल युद्ध समाप्त होने की आधिकारिक घोषणा की गई थी। यह दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि जहां हम शांति के प्रतीक राष्ट्रों में से एक हैं वहीं हम अपनी राष्ट्र की रक्षा के लिए कोई भी ऐसा युद्ध ल़डने से और जीतने में सक्षम हैं जो हम पर थोपा गया है।

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