वैक्सीन की कमी: टीकाकरण केंद्रों से खाली हाथ लौट रहे लोग, गिना रहे पोर्टल की खामियां
वैक्सीन की कमी: टीकाकरण केंद्रों से खाली हाथ लौट रहे लोग, गिना रहे पोर्टल की खामियां
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक में कोरोना रोधी टीके को लेकर लोगों में खासा उत्साह है लेकिन पर्याप्त आपूर्ति न होने से उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। राजधानी बेंगलूरु के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण के लिए कोशिशों में जुटे कई लोगों ने इस संबंध में शिकायत की है।
उन्होंने बताया कि कोविन पोर्टल पर अपॉइंटमेंट बुक करने के बाद वे टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचे। वहां पता चला कि टीके की खुराकें समाप्त हो गई हैं। लिहाजा उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। उनमें कई लोग ऐसे भी थे जिन्होंने पहला टीका लगवा लिया था। अब दूसरे टीके की बारी थी। वे निर्धारित समय पर टीकाकरण केंद्र पहुंचे तो मालूम हुआ कि यहां टीके की खुराक बची ही नहीं।उनमें से कई ने यह शिकायत दर्ज कराई कि कोविन पोर्टल में बहुत खामियां हैं। इसमें टीके का समय दोबारा निर्धारित करने का विकल्प नहीं मिलता। इससे काफी अस्पष्टता की स्थिति है कि दूसरा टीका कब लगेगा।
एक महिला ने बताया कि उन्होंने अपनी मां को टीके की दूसरा खुराक के लिए समय निर्धारित कराया था। उनके पास इसका मैसेज भी आ गया, उन्होंने टीकाकरण केंद्र पर फोन करके पूछा तो हैरानी हुई, क्योंकि वहां से जवाब आया कि यहां टीके की खुराक समाप्त हो गई हैं।
ऐसी शिकायतें कई लोगों की ओर सामने आई हैं। बताया गया कि कई केंद्र वहां पहुंचने वाले लोगों को दूसरे स्थानों पर टीकाकरण के लिए कह रहे हैं। इसकी वजह उनके यहां पर्याप्त खुराक न होना बताई जा रही है।
टीका लगाने का समय निर्धारित होने के बाद भी खाली लौटे एक और शख्स पूरी व्यवस्था के प्रति खीझ प्रकट करते हैं। वे इसे आम नागरिकों के साथ मजाक करार देते हैं। वे कहते हैं कि दो बार मैसेज आ चुका है। दोनों बार ही निराश होना पड़ा।
एक महिला बताती हैं कि टीकाकरण केंद्र पर लोगों को कहा जा रहा है कि वे दो से तीन दिन बाद आएं। इसके बाद कई लोग तो प्राइवेट अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। अपने परिवार के एक बुजुर्ग सदस्य को टीका लगवाने में आ रहीं परेशानियों के बारे में बताती हुईं महिला ने कहा कि व्यवस्था में सुधार होना चाहिए। इससे आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
इसी प्रकार, बेंगलूरु निवासी एक शख्स कहते हैं कि अब तक कोरोना से बचा रहा। जब टीका लगवाने सरकारी अस्पताल गया तो वहां भारी भीड़ थी। ऐसे में आशंका हुई कि इस भीड़ का हिस्सा बना तो संक्रमित हो जाऊंगा, लिहाजा फिलहाल विचार बदल दिया है।