कर्नाटक: येडियुरप्पा ने 1,250 करोड़ रुपए का कोविड राहत पैकेज घोषित किया
कर्नाटक: येडियुरप्पा ने 1,250 करोड़ रुपए का कोविड राहत पैकेज घोषित किया
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा ने बुधवार को 1,250 करोड़ रुपए के कोविड राहत पैकेज की घोषणा की है। यह राशि उन नागरिकों को दी जाएगी जिनकी आजीविका कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुई है।
मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा ने कहा कि 1,250 करोड़ रुपए की लागत से, वित्तीय सहायता, खाद्य सुरक्षा और ऋण स्थगन राज्य में नागरिकों के सबसे कमजोर वर्गों के लिए बढ़ा दिया गया है ताकि लॉकडाउन के प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सके।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आर्थिक राहत पैकेज किसानों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मदद के लिए घोषित किया गया है, जिस पर 1,250 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आएगी। उन्होंने बताया कि सरकार वित्तीय समस्याओं का सामना कर रही है, लेकिन इसके बावजूद पैकेज घोषित कर रही है।
किसे क्या मिलेगा?
येडियुरप्पा ने कहा कि लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान को देखते हुए फूलों की खेती करने वाले और बागवानी किसानों के लिए 10,000 रुपए के मुआवजे की घोषणा की गई है। इससे फूलों की खेती करने वाले करीब 20,000 किसानों और 69,000 बागवानी किसानों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि लाइसेंस प्राप्त और पंजीकृत ऑटो चालकों और कैब चालकों को 3,000 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इससे करीब 2.10 लाख लोगों के लाभान्वित होने का अनुमान है। वहीं, निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बैंक खातों में भी 3,000 रुपए भेजे जाएंगे।
इस घोषणा के अनुसार, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों जैसे नाई, धोबी, मैकेनिक, चमड़ा श्रमिक, बढ़ई, दर्जी, कुली, कचरा बीनने वालों, घरेलू सहायकों और रेहड़ी-पटरी वालों को भी 2,000 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
अगर कर्ज लिया है तो?
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के इस फैसले से असंगठित क्षेत्र के अनुमानित 3.04 लाख और आत्मनिर्भर कोष से पंजीकृत 2.2 लाख स्ट्रीट वेंडर लाभान्वित होंगे। कन्नड़ और संस्कृति विभाग में पंजीकृत कलाकारों और कलाकार समूहों को 3,000 रुपए मिलेंगे। सहकारी समितियों, भूमि बैंकों आदि से किसानों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा लिए गए कर्जों के पुनर्भुगतान की समय-सीमा तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई है।
अन्न और धन दोनों का ध्यान
इसके साथ ही, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और अंत्योदय योजना के तहत पहले से पंजीकृत प्रत्येक लाभार्थी को मई और जून महीने के लिए पांच किलो चावल मुफ्त में वितरित करने के अलावा, राज्य सरकार इस योजना के तहत अतिरिक्त 30 लाख लाभार्थियों को शामिल करेगी और 180 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
जिन लोगों ने बीपीएल राशन कार्ड के लिए आवेदन किया है, लेकिन उन्हें अभी तक नहीं मिला है, उन्हें मई और जून के लिए 10 किलो चावल मुफ्त दिया जाएगा। एपीएल कार्ड का इंतजार करने वालों को 15 रुपए प्रति किलो की दर से 10 किलो चावल की सब्सिडी दी जाएगी।
बता दें कि कर्नाटक सरकार ने पिछले साल भी लॉकडाउन के दौरान 1,610 करोड़ रुपए के आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की थी।