प्रधानमंत्री ने कोच्चि-मेंगलूरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन राष्ट्र को समर्पित की
प्रधानमंत्री ने कोच्चि-मेंगलूरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन राष्ट्र को समर्पित की
नई दिल्ली/कोच्चि/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोच्चि-मेंगलूरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया। करीब तीन हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार और 450 किलोमीटर लंबी यह पाइपलाइन क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए बड़ा कदम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस गैस पाइपलाइन से कई शहरों में गैस परियोजना का सूत्रपात होगा। उन्होंने लोगों को बधाई देते हुए इस परियोजना के उद्घाटन को सम्मान का विषय बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोच्चि-मेंगलूरु पाइपलाइन इस बात का बहुत बड़ा उदाहरण है कि विकास को प्राथमिकता देकर सभी मिलकर काम करें, तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता।प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ एक पाइपलाइन नहीं है, बल्कि दोनों राज्यों में विकास का एक प्रमुख चालक हो सकती है। भारत आज गैस आधारित अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और वन नेशन, वन ग्रिड पर काफी काम किया जा रहा है। गैस आधारित अर्थव्यवस्था भी आत्मानिर्भर भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में कई दिक्कतें भी आईं, लेकिन हमारे श्रमिकों, इजीनियरों, किसानों और राज्य सरकारों के सहयोग से यह काम पूर्ण हुआ। कहने को तो यह पाइप लाइन है, लेकिन दोनों राज्यों के विकास को गति देने में इसकी बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पाइपलाइन दोनों राज्यों में लाखों लोगों के लिए ईज ऑफ लिविंग बढ़ाएगी। दूसरा, यह पाइप लाइन दोनों ही राज्यों के गरीब, माध्यम वर्ग और उद्यमियों के खर्च कम करेगी। तीसरा, यह पाइपलाइन शहरों में सिटी गैस डिस्ट्रब्यूशन सिस्टम का माध्यम बनेगी। चौथा, यह अनेक शहरों में सीएनजी आधारित ट्रांसपोर्ट सिस्टम को विकसित करने का माध्यम बनेगी।
प्रधानमंत्री ने इसके फायदे गिनाते हुए कहा, पांचवां, यह मेंगलूरु केमिकल और फर्टिलाइजर प्लांट को ऊर्जा देगी, कम खर्च में खाद बनाने में मदद करेगी। छठा, यह पाइपलाइन मेंगलूरु रिफाइनरी और पेट्रो केमिकल को ऊर्जा देगी, स्वच्छ ईंधन देगी। सातवां फायदा, यह दोनों ही राज्यों में प्रदूषण कम करेगी। आठवां, प्रदूषण कम करने का सीधा असर पर्यावरण पर होगा। नौवां, पर्यावरण बेहतर होने से लोगों की सेहत अच्छी होगी। दसवां, जब प्रदूषण कम होगा, शहरों में गैस आधारित सेवा होगी, तो टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों का मानना है कि जो देश अपनी कनेक्टिविटी और स्वच्छ ऊर्जा पर काम करता है, वह 21वीं सदी में नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा। भारत सभी क्षेत्रों पर काम कर रहा है – राजमार्ग कनेक्टिविटी, रेलवे कनेक्टिविटी, मेट्रो कनेक्टिविटी, वायुमार्ग और जलमार्ग कनेक्टिविटी, डिजिटल कनेक्टिविटी और गैस कनेक्टिविटी – इतना काम देश में पहले कभी नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पाइपलाइन के निर्माण के दौरान 12 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजन हुआ है। पाइपलाइन के शुरू होने के बाद भी रोजगार और स्वरोजगार का एक नया इकोसिस्टम केरल और कर्नाटक में बहुत तेजी से विकसित होगा।
भारत की पहली प्राकृतिक गैस अंतर-राज्य पाइपलाइन 1987 में चालू की गई थी। तब से, 2014 तक, 27 वर्षों के अंतराल में, 15,000 किलोमीटर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का निर्माण किया गया। आज, देश 16,000 किलोमीटर नई पाइपलाइनों पर काम कर रहा है, जो निकट भविष्य में पूरा हो जाएगा। भारत का पहला सीएनजी स्टेशन 1992 में शुरू हुआ था। 22 सालों में, 2014 तक, सिर्फ 900 सीएनजी स्टेशन थे। पिछले छह वर्षों में, लगभग 1,500 नए सीएनजी स्टेशन शुरू किए गए हैं। सरकार इस संख्या को 10,000 तक ले जाने के लिए काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान, हम गरीबों और ज़रूरतमंदों के लिए 12 करोड़ मुफ्त सिलेंडर प्रदान करने में सक्षम थे। पिछले छह वर्षों में हमने जो विकास कार्य किए हैं, उनसे यह मदद मिली है। साल 2014 तक हमारे देश में सिर्फ 25 लाख पीएनजी कनेक्शन थे। आज देश में 72 लाख से ज्यादा घरों की रसोई में पाइपलाइन से गैस पहुंच रही है। कोच्चि-मेंगलूरु पाइप लाइन से 21 लाख नए लोग पीएनजी सेवा का लाभ ले पाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक भारत में एलपीजी कवरेज की स्थिति क्या रही, यह हम सभी जानते हैं। साल 2014 तक जहां देश में 14 करोड़ एलपीजी कनेक्शन थे, वहीं बीते छह वर्षों में इतने ही नए कनेक्शन और दिए गए हैं। हमारी सरकार ऊर्जा योजना में एकीकृत दृष्टिकोण में विश्वास करती है। हमारा ऊर्जा एजेंडा सर्व-समावेशी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 के बाद से, हम तेल और गैस क्षेत्र में विभिन्न सुधार लाए हैं। ये सुधार अन्वेषण और उत्पादन और प्राकृतिक गैस विपणन और संवर्धन को कवर करते हैं। हम वन नेशन, वन गैस ग्रिड को प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं। हम गैस आधारित अर्थव्यवस्था में भी बदलाव करना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक गैस के उपयोग के कई पर्यावरणीय लाभ हैं। सरकार प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने के लिए नीतिगत पहल कर रही है। इस दशक में ही तेल और गैस क्षेत्र में करोड़ों रुपए का निवेश किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उज्ज्वला योजना जैसी स्कीम से देश के 8 करोड़ से ज्यादा परिवारों के घर कुकिंग गैस तो पहुंची ही है। साथ ही इससे एलपीजी से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर भी देश में मजबूत हुआ है। बेहतर भविष्य के लिए स्वच्छ ऊर्जा महत्वपूर्ण है। हमारी सरकार अन्य क्षेत्रों में भी इसकी सुविधा के लिए कई प्रयास कर रही है। उदाहरण के लिए, स्वच्छ भारत मिशन, एलईडी बल्ब मिशन।