कोरोना: टीकाकरण को लेकर कई स्वास्थ्यकर्मी असमंजस में
कोरोना: टीकाकरण को लेकर कई स्वास्थ्यकर्मी असमंजस में
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कोरोनारोधी टीकाकरण के मद्देनजर बेंगलूरु में अस्पताल इस बात को लेकर सर्वे करेंगे कि उनके स्वास्थ्यकर्मी टीके के प्रति कितने सहज हैं। यह फैसला ऐसे समय में लिया जा रहा है जबकि टीकाकरण के कुछ प्रतिकूल प्रभावों की चर्चा है। बीबीएमपी सीमा में कोविड टीकाकरण के लिए 1.68 लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी प्राथमिकता सूची में हैं।
टीकाकरण प्रक्रिया को सुचारु करने के लिए बीबीएमपी के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह रामैया और सुगुना अस्पतालों का दौरा किया था। इस दौरान उन्हें टीकाकरण के लिए तीन कमरों की पहचान करने और प्रतिदिन सुबह 8 से शाम 5 बजे तक कम से कम 100 स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए कहा।सूत्रों के अनुसार, एक अस्पताल के कई स्वास्थ्यकर्मियों ने टीकाकरण के प्रति अनिच्छा जताई है। इस पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारे स्वास्थ्यकर्मी पहली पंक्ति के योद्धा हैं। हम चाहते हैं कि वे सभी सुरक्षित रहें। हम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते।
एक अन्य अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं, बहुत सारे लोग आखिरी वक्त में फैसला बदल सकते हैं। हम इस पर एक अध्ययन कर रहे हैं कि कितने लोग इसे नहीं लेना चाहते हैं और इसके पीछे क्या कारण हैं। कई डॉक्टर हैं जिन्हें उनकी आशंकाओं को दूर करने में सक्षम होना चाहिए। हम टीकाकरण को अनिवार्य नहीं कर सकते।
टीकाकरण के बारे में उपजे सवालों पर एक अधिकारी ने बताया कि डॉक्टर इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं। इसके बारे में कई सवाल हैं, यह स्वैच्छिक है। मुझे संदेह है कि हमारे कुछ डॉक्टर इसे नहीं लेंगे। हालांकि, एक अधिकारी ने आशा जताई कि बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी टीके को लेकर उत्सुक हैं और वे इसे जरूर लेंगे।