इसरो के पूर्व अध्यक्ष उडुपी रामचंद्र राव का निधन

 इसरो के पूर्व अध्यक्ष उडुपी रामचंद्र राव का निधन

बेंगलुरु, 24 जुलाई जाने माने अंतरिक्ष वैज्ञानिक एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष उडुपी रामचंद्र राव का उम्र संबंधी बीमारियों के चलते आज यहां निधन हो गया। वह 85 वर्ष थे।इसरो के जनसंपर्क निदेशक देवीप्रसाद कार्णिक ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘राव ने कल देर रात करीब तीन बजे अंतिम सांस ली।’’ इसरो के अधिकारियों ने बताया कि वह उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे और उन्होंने आज सुबह अपने आवास पर आखिरी सांस ली। राव के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है।’’ कर्नाटक में उडुपी जिले के अडामारू क्षेत्र में जन्मे राव अभी तक इसरो के सभी अभियानों में किसी न किसी तरह शामिल थे। भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास और प्राकृतिक संसाधनों की रिमोट सेंसिंग एवं संचार में इसके वृहद उपयोग में उनके अतुल्य योगदान के लिए उन्हें पहचाना जाता है।वह अहमदाबाद में भौतिकी अनुसंधान प्रयोगशाला की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष और तिरुवनंतपुर में भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के कुलाधिपति पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे।
राव 1984-1994 तक इसरो के अध्यक्ष रहे।
अंतरिक्ष एजेंसी की वेबसाइट पर दिए उनके परिचय के अनुसार वर्ष 1984 में अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने रॉकेट प्रौद्योगिकी के विकास में तेजी लाई, जिसके चलते एएसएलवी रॉकेट का सफल प्रक्षेपण हुआ और साथ ही दो टन तक के उपग्रहों को धुव्रीय कक्षा में स्थापित कर सकने वाले पीएसएलवी का भी सफल प्रक्षेपण संभव हो सका। उन्होंने वर्ष 1991 में क्रायोजेनिक तकनीक और भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के विकास की पहल भी की।भारतीय अंतरिक्ष तकनीक में उनके योगदान के लिए उन्हें वर्ष 1976 में पद्म भूषण और 2017 पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।राव के 350 से अधिक वैज्ञानिक एवं तकनीकी पत्र प्रकाशित हुए जिनमें कॉस्मिक किरणें, अंतरग्रहीय भौतिकी, उच्च ऊर्जा खगोल विज्ञान, अंतरिक्ष अनुप्रयोग, उपग्रह एवं रॉकेट प्रौद्योगिकी के विषय शामिल थे। उन्होंने कई किताबें भी लिखी।राव पहले भारतीय वैज्ञानिक हैं जिन्हें 19 मार्च 2013 में वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित ‘‘सैटेलाइट हॉल ऑफ फेम’’ में शामिल किया गया और मैक्सिको के ग्वाडलाजारा में ‘‘आईएएफ हॉल ऑफ फेम’’ में शामिल करके सम्मानित किया गया।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download