सीएए विरोधी प्रदर्शनों में हुआ केरल में तस्करी से लाए गए सोने का इस्तेमाल?

सीएए विरोधी प्रदर्शनों में हुआ केरल में तस्करी से लाए गए सोने का इस्तेमाल?

सीएए विरोधी प्रदर्शनों में हुआ केरल में तस्करी से लाए गए सोने का इस्तेमाल?

प्रतीकात्मक चित्र. फोटो स्रोतः PixaBay

तिरुवनंतपुरम/दक्षिण भारत। क्या केरल में तस्करी के जरिए लाए गए सोने का इस्तेमाल संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में किया गया? एक रिपोर्ट के बाद यह मुद्दा सुर्खियों में है। इसके मुताबिक, राजनयिक चैनल के माध्यम से सोने की तस्करी की जांच में केंद्रीय एजेंसियों के सामने यह सवाल भी है कि इससे अर्जित धन का उपयोग सीएए के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शनों के लिए किया गया था या नहीं, खासतौर से दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हुईं हिंसक घटनाओं में।

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रिपोर्ट में खुफिया अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि गृह मंत्रालय पिछले साल दिसंबर से कतर, सऊदी अरब और यूएई में ऐसे धन स्रोतों का पता लगाने में जुटा है, चूंकि दिल्ली और उप्र में दंगों के सिलसिले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

एक मलयाली युवक, जिसे केरल पुलिस से विशिष्ट खुफिया सूचनाओं के आधार पर उप्र में गिरफ्तार किया गया था, के बारे में कहा जाता है कि उसने एजेंसियों को फंडिंग के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी थी। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के सूत्रों ने कहा कि उन्होंने खाड़ी देशों में कुछ संगठनों की पहचान की है, जिन्होंने सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और हिंसा के लिए धन मुहैया कराया।

इन संगठनों की मदद से केरल में सोने की तस्करी की गई थी, जिनका कतर, कुवैत, सऊदी अरब और यूएई में मजबूत नेटवर्क है।

रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने कहा, ‘यह पाया गया कि केरल में कुछ व्यक्तियों के तीन खाड़ी-आधारित संगठनों के साथ सक्रिय संबंध हैं जिनकी सीएए विरोधी प्रदर्शनों के वित्तपोषण में भूमिका ​थी। हमने सबूतों का विश्लेषण किया है कि सोने की तस्करी धन उगाहने वाले स्रोतों में से एक है।’

राज्य के पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा ने कहा कि उनका विभाग केंद्रीय एजेंसियों को धन स्रोतों पर विशेष विवरण दे रहा है। उन्होंने बताया, ‘संगठन केरल में निकट समन्वय में भी काम कर रहे हैं, जिन्होंने युवाओं को राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया।’

उन्होंने कहा, ‘हम भी राज्य में बहुत काम कर रहे हैं। जो भी जानकारी सामने आती है, उसे केंद्रीय एजेंसियों के साथ साझा करते हैं। हमारे आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के पास आतंकी फंडिंग पर नजर रखने के लिए एक अलग इकाई है और हम विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रहे हैं। एटीएस ने काफी काम किया है।’

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक विस्तृत निगरानी करते हुए केरल स्थित सोने की तस्करी मार्गों से संबंधित इनपुट प्राप्त किए थे। 30 किलोग्राम सोने की खेप अपने मूल बिंदु से एजेंसियों के रडार पर थी।

एक अधिकारी ने बताया, ‘हम रैकेट की गतिविधियों पर नज़र रख रहे हैं। हालांकि सोने की तस्करी कई वर्षों से केरल में विभिन्न चैनलों के माध्यम से हो रही है, लेकिन खुफिया सूचनाओं ने कुछ समूहों की गतिविधियों की यूएई से केरल तक सोने की बड़ी खेप की पहचान की।’

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