आयरलैंड के गर्भपात कानून में बदलाव का सविता के पिता ने किया स्वागत

आयरलैंड के गर्भपात कानून में बदलाव का सविता के पिता ने किया स्वागत

बेलगावी/दक्षिण भारतबेहद चुनौतीपूर्ण चिकित्सकीय हालत के बावजूद आयरलैंड के कानून की वजह से गर्भपात की अनुमति न मिलने के बाद अपनी जान गंवाने वाली दंत चिकित्सक सविता हलप्पनवर के पिता ने रविवार को आयरिश सरकार के एक निर्णय का स्वागत किया है। वहां सविता की मौत के बाद देश के गर्भपात कानून में बदलाव के लिए तेज मांग उठी थी। कई आंदोलन भी उठ ख़डे हुए थे। इनके मद्देनजर वहां की सरकार ने हाल में इस विषय में आम जनता से रायशुमारी करवाई। इस पर हुए मतदान के बाद वहां की सरकार ने गर्भपात कानून में बदलाव की हामी भर दी है। सविता के पिता आनंदप्पा यलगी ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह न सिर्फ उनके दामाद प्रवीण और उनके पूरे परिवार की जीत है, जिन्होंने सविता के लिए न्याय पाने की लंबी जंग छे़डी, बल्कि उन सभी गर्भवती महिलाओं के लिए भी नया कानून जीवनरक्षक साबित होगा, जो शिशु जन्म के दौरान विभिन्न कारणों से बेहद दर्दनाक परिस्थितियों से गुजरती हैं। आनंदप्पा की पुत्री सविता की २८ अक्टूबर २०१२ को आयरलैंड के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल गैलवे में मौत हो गई थी। उन्हें १७ सप्ताह का गर्भ गिराने की अनुमति नहीं दी गई थी क्योंकि आयरलैंड में कैथोलिक ईसाई धर्म के निर्देशों के तहत बने कानूनों में एक निर्धारित समय के बाद किसी भी हालत में गर्भ गिराने पर प्रतिबंध है।अपने घर पर पत्रकारों से बातचीत में आनंदप्पा ने कहा कि उनके दामाद प्रवीण ने अपनी पत्नी की मौत के बाद आयरलैंड की एक अदालत की शरण ली थी। सॉलिसिटर ग्रैमी ओ डॉनल ने उन्हें कानूनी ल़डाई ल़डने में मदद दी। वहीं, आयरलैंड की आबादी के एक बहुत ब़डे हिस्से ने कैथोलिक धर्म के निर्देशों के बावजूद देश के गर्भपात कानून का विरोध किया था। इस विषय पर आम जनता से करवाई गई रायशुमारी को सरकार ने गर्भपात कानून में बदलाव का स्पष्ट मत माना है। आनंदप्पा यलगी ने इसे अपने परिवार की जीत माना। साथ ही यह उम्मीद भी जताई कि नए कानून से आयरलैंड में किसी आपातस्थिति से गुजरनेवाली गर्भवती महिला की जान बच सकेगी।

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