शहर में पानी की आपूर्ति करने वाली चारों झीलें सूखी
शहर में पानी की आपूर्ति करने वाली चारों झीलें सूखी
चेन्नई। चेन्नई के सामने पेयजल का भयंकर संकट पैदा हो गया है, क्योंकि स्थानीय प्रशासन के मुताबिक शहर की चारों झीलें सूख गई हैं। तमिलनाडु के सामने पिछले १४० वर्ष में आए सबसे खतरनाक सूखे का संकट गहराता जा रहा है। चेन्नई शहर को ८३ करो़ड लीटर पानी की रो़जाना ़जरूरत होती है, लेकिन जलापूर्ति अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से आपूर्ति आधी ही हो पा रही है। शहर के चारों मुख्य जल भंडार पूंडी, रेड हिल्स, चोलावरम तथा चेम्बरम्बाक्कम झील सूख गए हैं, इसलिए शहर में पेयजल की आपूर्ति रो़जाना नहीं की जा रही है। कई इलाकों में पाइपों के ़जरिए पानी तीन दिन में एक बार दिया जा रहा है। अधिकारियों ने शहर में पानी के ३०० टैंकरों की भी तैनाती की है। लगभग २०० किलोमीटर दूर नैवेली में बनी वीरानम झील, जहां से एक ब़डी पाइपलाइन के ़जरिए चेन्नई को पानी मिलता है, भी सूख चुकी है, हालांकि अधिकारी इस कोशिश में लगे हैं कि अन्य संसाधनों से पानी जुटाकर इसी पाइपलाइन के ़जरिए चेन्नई तक नौ करो़ड लीटर पानी रो़ज पहुंचाया जा सके। वरिष्ठ जलापूर्ति अधिकारियों के अनुसार शहर में मौजूद दो बिलवीकरण संयंत्रों के अलावा कांचीपुरम तथा तिरुवल्लूर स्थित पत्थर की खदानों से भी पानी आ रहा है।चेन्नई तथा आसपास के इलाकों में भूजल पांच झीलों पुझल, शोलावरम, कालिवेली, पुलिकट तथा मदुरांथकम की वजह से भर आया है। यह झीलें शहर के ६० किलोमीटर के दायरे में मौजूद हैं। वर्ष २०१५ में बेमौसम बरसात की वजह से इन झीलों में ़जरूरत से ़ज्यादा पानी आ गया था, जिसके चलते चेन्नई में भयंकर बा़ढ आ गई थी। इनके अलावा चेन्नई और उससे सटे हुए जिलों में ह़जारों की तादाद में झीलें, तालाब आदि मौजूद हैं। हरित कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि इन जल संरचनाओं की देखभाल सही ढंग से की गई होती, तो चेन्नई को इस भयंकर जलसंकट का सामना करना ही नहीं प़डता। उन्होंने इन जल संरचनाओं की देखभाल में हुई कोताही की वजह ते़जी से हो रहे शहरीकरण को बताया है।