आर्थिक पुनरुद्धार के लिए नए प्रोत्साहन, आपात ऋण गारंटी की सीमा 4.5 लाख करोड़ रुपए
आर्थिक पुनरुद्धार के लिए नए प्रोत्साहन, आपात ऋण गारंटी की सीमा 4.5 लाख करोड़ रुपए
नई दिल्ली/भाषा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के इरादे से स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचा में सुधार के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए की ऋण गारंटी योजना समेत विभिन्न उपायों की घोषणा की।
साथ ही उन्होंने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए आपातकाल ऋण गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत सीमा 50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपए किए जाने का ऐलान किया।प्रोत्साहन पैकेज का ब्योरा साझा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसमें आठ राहत उपाय हैं और अन्य आठ उपाय आर्थिक वृद्धि को गति देंगे।
उन्होंने स्वास्थ्य समेत कोविड प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए की ऋण गारंटी योजना की घोषणा की। इसमें नई परियोजनाओं के विस्तार के लिये गारंटी कवर शामिल हैं।
सीतारमण ने कहा कि इसके अलावा ईसीएलजीएस के तहत सरकार की ओर से कुल गारंटी की सीमा 1.5 लाख करोड़ रुपए बढ़ायी गई है। आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज का हिस्सा ईसीएलजीएस की मौजूदा सीमा तीन लाख करोड़ रुपए थी।
पिछले महीने, वित्त मंत्रालय ने ईसीएलजीएस का दायरा बढ़ाते हुए इसमें अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन संयंत्र लगाने को लेकर हॉस्पिटल को भी शामिल किया था।
इसके अलावा इसकी वैधता तीन महीने बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई थी। इस योजना के तहत कर्ज वितरण की अंतिम तारीख 31 दिसंबर है।
ईसीएलजीएस 4.0 के तहत ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने को लेकर अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लिनिक, मेडिकल कॉलेज आदि को 2 करोड़ रुपए तक के कर्ज के लिए 100 प्रतिशत गारंटी दी गई है। इन ऋणों पर ब्याज दर 7.5 प्रतिशत है।