चीन-पाक को कड़ा संदेश, अचानक लद्दाख पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी

चीन-पाक को कड़ा संदेश, अचानक लद्दाख पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह अचानक लद्दाख पहुंचे। प्रधानमंत्री के इस दौरे को जवानोंं का हौसला बढ़ाने के साथ ही चीन और पाकिस्तान को कड़े संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। जानकारी के अनुसार, मोदी शुक्रवार सुबह लद्दाख के लेह हवाईअड्डे पहुंचे। इसके बाद जब तस्वीरें सोशल मीडिया में आईं तो वे खूब शेयर की जाने लगीं और प्रधानमंत्री के इस कदम के सराहा गया।
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चीन के साथ सीमा गतिरोध और चीनी सेना के साथ वार्ता के बीच लद्दाख पहुंचे प्रधानमंत्री सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे। वे सैन्य अधिकारियों और जवानों के साथ बातचीत करेंगे। साथ ही जो जवान गलवान घाटी में चीन पर प्रहार के दौरान घायल हुए, उनसे मुलाकात भी करेंगे। प्रधानमंत्री के इस ‘सरप्राइज’ दौरे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी साथ हैं। हालांकि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस दौरे में प्रधानमंत्री के साथ नहीं गए हैं।
Located at 11,000 feet, this is among the tough terrains, surrounded by the Zanskar range and on the banks of the Indus. PM is being briefed by Senior Officers pic.twitter.com/JVMjTfEsWz
— Prasar Bharati News Services (@PBNS_India) July 3, 2020
सूत्रों के मुताबिक, मोदी सुबह करीब साढ़े नौ बजे लेह पहुंचे। ये पंक्तियां लिखे जाने के समय, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री निमू में एक अग्रिम स्थल पर थे और थलसेना, वायुसेना एवं आईटीबीपी के कर्मियों से बात कर रहे थे। सिंधु नदी के तट पर 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित निमू सबसे दुर्गम स्थानों में से एक है। यह जंस्कार पर्वत शृंखला से घिरा हुआ है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, मोदी के लद्दाख सेक्टर का दौरा करने का निर्णय गुरुवार शाम को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने जनरल रावत के साथ विवरण देते हुए लिया। मोदी, डोभाल और रावत ने 2017 में डोकलाम में चीनी आक्रामकता का मजबूती से सामना किया था।
#WATCH: Prime Minister Narendra Modi among soldiers after addressing them in Nimmoo, Ladakh. pic.twitter.com/YMqNs7DIEX
— ANI (@ANI) July 3, 2020
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी को निमू सेना मुख्यालय में उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और 14वें कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने जानकारी दी। विशेषज्ञों का कहना है कि पूर्वी लद्दाख में तैनात भारतीय सैनिकों के लिए मोदी और उच्च सैन्य अधिकारियों की यात्रा मनोबल बढ़ाने की दिशा में बहुत बड़ा कदम साबित होंगी। मोदी का लद्दाख का दौरा चीन के लिए भी साफ और बड़ा संकेत है, यह बताता है कि एलएसी पर पीएलए से मुठभेड़ को भारत बहुत गंभीरता से लेता है।