अन्तरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के नवीन दिशा-निर्देश एक अगस्त से होंगे प्रभावी

अन्तरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के नवीन दिशा-निर्देश एक अगस्त से होंगे प्रभावी

जयपुर। राज्य सरकार ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित डॉ. सविता बेन अम्बेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना संचालन के लिए नवीन दिशा निर्देश जारी किए हैं जो १ अगस्त, २०१७ से प्रभावी होंगे।सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने बताया कि नियमों में योजना के तहत जारी की जाने वाली प्रोत्साहन सहायता राशि का शत-प्रतिशत सदुपयोग को लेकर क़डे नियम बनाए गए हैं जिससे पात्र व्यक्तियों को ही योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त करने वाले युवक अथवा युवती द्वारा मिथ्या तथ्य, कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने अथवा किन्हीं तथ्यों को छिपाए जाने अथवा असत्य पाये जाने पर विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।द्भह्ज्द्मय् ·र्ैंर्‍ झ्य्ख़य्त्रय्ॅैंअनुसूचित जाति वर्ग के युवक अथवा युवती, जिसने किसी सवर्ण हिन्दू युवक अथवा युवती से, जो दोनों ही राजस्थान के मूल निवासी हों एवं युगल में से किसी की भी आयु ३५ वर्ष से अधिक नहीं हो, और किसी आपराधिक मामले में दोषसिद्ध न हो, से विवाह किया हो। अंतर्जातीय विवाह करने वाले युगल के विवाह के प्रमाण स्वरूप सक्षम प्राधिकरण या अधिकारी कार्यालय से जारी विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र हो व युगल की संयुक्त आय २.५० लाख रुपये से अधिक न हो। साथ ही युगल द्वारा राज्य अथवा केन्द्र सरकार की किसी भी समानान्तर योजना में कोई आर्थिक लाभ प्राप्त न किया हो। विवाह की दिनांक से एक वर्ष की अवधि में आवेदन पत्र प्राप्त होने तथा युवक व युवती के प्रथम विवाह पर ही इस योजना का लाभ देय है। योजनान्तर्गत विधवा महिला द्वारा पुनर्विवाह करने पर वह इस योजना का लाभ लेने की पात्र होगी बशर्ते युगल में से किसी ने पूर्व में इस योजना का लाभ प्राप्त नहीं किया हो। साथ ही विधवा महिला से विवाह करने वाले युवक को प्रथम विवाह की बाध्यता एवं शर्त में छूट भी दी गई है।ृय्प्ष्ठख्रद्म ·र्ैंद्यद्मष्ठ ·र्ैंर्‍ झ्श्न्य·र्श्नैंद्भय् योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु प्रार्थी अपने गृह जिले में ई-मित्र, राजस्थान एस.एस.ओ. के माध्यम से एस.जे.एम.एस. पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजनान्तर्गत वांछित आवश्यक दस्तावेज आवेदन करते समय ऑनलाइन स्कैन कर अपलोड किए जाएंगे। किसी भी स्थिति में विवाह के एक वर्ष पश्चात् आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की छूट नहीं होगी व से आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।झ्श्नह्ह्वफ्य्ब्द्म द्यय्यप्रय् डॉ. सविता बेन अम्बेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजनान्तर्गत युगल के सुखद दांपत्य जीवन को सुनिश्चित करने के प्रयोजन से पति-पत्नी के लिए ५ लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि में से २.५० लाख रुपए दोनों के संयुक्त खाते में ८ वर्ष के लिए फिक्स डिपोजिट के रूप में तथा २.५० लाख रुपए दांपत्य जीवन के निर्वहन के प्रयोजनार्थ आवश्यक व घरेलू उपयोग आदि की चीजों की खरीद के लिए नकद सहायता उनके संयुक्त बैंक खाते के माध्यम से प्रदान किए जाएंगे।

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