चीन को रविशंकर प्रसाद की दो टूक- अगर कोई बुरी नजर डालता है तो भारत मुंहतोड़ जवाब देगा

चीन को रविशंकर प्रसाद की दो टूक- अगर कोई बुरी नजर डालता है तो भारत मुंहतोड़ जवाब देगा

चीन को रविशंकर प्रसाद की दो टूक- अगर कोई बुरी नजर डालता है तो भारत मुंहतोड़ जवाब देगा

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद

कोलकाता/भाषा। चीनी ऐप पर प्रतिबंध को ‘डिजिटल हमला’ बताते हुए केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन अगर कोई बुरी नजर डालता है तो देश मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मजबूत’ नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि अगर हमारे देश ने 20 सैनिकों को खोया तो चीन में यह संख्या दुगुनी है।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा, ‘अब आप केवल दो ‘सी’ सुन सकते हैं कोरोना वायरस और चीन। हम शांति और समस्याओं को बातचीत के जरिए हल करने में यकीन रखते हैं लेकिन अगर कोई भारत पर बुरी नजर डालता है तो हम मुंहतोड़ जवाब देंगे … अगर हमारे 20 जवानों ने अपनी जान का बलिदान दिया तो चीन में यह संख्या दोगुनी है।’

उन्होंने पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए एक डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘आप सभी ने देखा होगा कि उन्होंने कोई संख्या नहीं बताई।’

हाल फिलहाल में आतंकवादी हमलों का भारत द्वारा जवाब दिए जाने को याद करते हुए प्रसाद ने कहा, ‘आप सभी को याद होगा कि उरी और पुलवामा (आतंकवादी हमलों) के बाद हमने कैसे बदला लिया। जब हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा तो इसका मतलब होता है। हमारी सरकार में यह कर दिखाने की इच्छाशक्ति है।’

उन्होंने कहा कि भारत ने देशवासियों के डेटा की सुरक्षा करने के लिए ‘डिजिटल हमला’ किया। प्रसाद ने यह पूछा कि टीएमसी चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध का विरोध क्यों कर रही है।

प्रसाद ने कहा, ‘हम बंगाल में अजीब प्रवृत्ति देख रहे हैं। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पहले पूछा था कि हम ऐप्स पर पाबंदी क्यों नहीं लगा रहे और अब वे जानना चाहते हैं कि हम ऐप्स पर प्रतिबंध क्यों लगा रहे हैं। यह अजीब है, वे संकट के समय सरकार के साथ क्यों नहीं खड़े हो सकते?’

उन्होंने चीन-भारत सीमा पर झड़प को लेकर माकपा की ‘चुप्पी’ पर भी निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैं हैरान हूं कि माकपा ने चीन की आलोचना क्यों नहीं की! क्या यह वही माकपा है जो 1962 में थी?’

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