प. बंगाल की मुख्यमंत्री ‘अवैध वोटबैंक’ को बचा रही हैं: सुवेंदु अधिकारी
कहा एक राज्य सरकार के मुखिया की ओर से ऐसा व्यवहार निंदनीय है
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कोलकाता/दक्षिण भारत। एसआईआर का जिक्र करते हुए, भाजपा के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखा है। उसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर चुनाव आयोग को 'कमज़ोर करने' और पार्टी द्वारा 'सालों से पाले गए अवैध वोटबैंक' को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
अधिकारी का मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखा गया पत्र, ममता बनर्जी द्वारा गुरुवार को चुनाव आयोग को भेजे गए उस पत्र के कुछ ही घंटे बाद आया है, जिसमें उन्होंने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को 'अराजक और जबरन लागू किया गया' करार दिया था।विधानसभा में विपक्ष के नेता ने चार पन्नों के एक जवाबी पत्र के साथ पलटवार किया, जिसमें उन्होंने उनके (ममता बनर्जी के) चुनाव आयोग को भेजे गए पत्र को 'भ्रामक, राजनीतिक रूप से प्रेरित और तथ्यात्मक रूप से विकृत' बताया।
उन्होंने मुख्यमंत्री की आपत्तियों को 'एक सफाई अभियान को पटरी से उतारने की बेताब कोशिश बताया, जो उनके राजनीतिक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा है'।
अधिकारी ने कहा, 'मुख्यमंत्री का पत्र चुनाव अधिकारियों के बीच कलह पैदा करने, चुनाव आयोग के संवैधानिक जनादेश को बदनाम करने और अयोग्य व अवैध तत्वों के उस वोटबैंक को बचाने का सोचा-समझा प्रयास है, जिसे उनकी सरकार ने वर्षों से पाला है।'
उन्होंने अपने खास अंदाज़ में ममता बनर्जी पर बूथ-स्तरीय अधिकारियों को 'धमकाने' और मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ 'अस्वीकार्य आरोप' लगाने का आरोप लगाया।
अधिकारी ने कहा कि एक राज्य सरकार के मुखिया की ओर से ऐसा व्यवहार निंदनीय है।
उन्होंने बनर्जी द्वारा एसआईआर को 'अराजक और विघटनकारी' पहल के रूप में प्रस्तुत किए जाने को खारिज करते हुए तर्क दिया कि ऐसे पुनरीक्षण अभियान '1950 के दशक से ही चुनाव आयोग के उपकरणों का हिस्सा रहे हैं', जिनमें 2002-03 का व्यापक अभियान भी शामिल है।
ज्ञानेश कुमार को लिखे पत्र में भाजपा नेता ने कहा, 'मुख्यमंत्री ने स्वयं वर्ष 2004 का लोकसभा चुनाव 2003 में संशोधित मतदाताओं की सूची पर ही लड़ा और जीता था। क्या वे अब अपनी ही जीत की वैधता पर सवाल उठाएंगी?'


