वैश्विक अस्थिरता के दौर में भारत-ब्रिटेन की साझेदारी आर्थिक प्रगति का महत्त्वपूर्ण आधार है: मोदी
प्रधानमंत्री ने मुंबई में भारत-ब्रिटेन संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया
Photo: narendramodi FB Page
मुंबई/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुंबई में भारत-ब्रिटेन संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की पहली भारत यात्रा पर, आज मुंबई में उनका स्वागत करते हुए मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। प्रधानमंत्री स्टार्मर के नेतृत्व में भारत और ब्रिटेन के रिश्तों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस वर्ष जुलाई में मेरी ब्रिटेन यात्रा के दौरान हमने ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) पर सहमति बनाई थी। इस समझौते से दोनों देशों के आयात लागत में कमी आएगी, युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे, व्यापार बढ़ेगा और इसका लाभ हमारे उद्योगों और उपभोक्ताओं, दोनों को मिलेगा।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक साझेदार हैं। हमारे संबंधों की नींव में लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून का शासन जैसे मूल्यों में साझा विश्वास है। मौजूदा वैश्विक अस्थिरता के दौर में भारत और ब्रिटेन के बीच बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का एक महत्त्वपूर्ण आधार बनी हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने हिंद-प्रशांत, पश्चिम-एशिया में शांति और स्थिरता और यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर भी विचार साझा किए। यूक्रेन संघर्ष और गाज़ा के मुद्दे पर भारत संवाद और कूटनीति से शांति की बहाली के सभी प्रयासों का समर्थन करता है। हम भारत-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने महत्त्वपूर्ण खनिजों पर सहयोग के लिए एक इंडस्ट्री गिल्ड और सप्लाई चेन वेधशाला की स्थापना का निर्णय लिया है। इसका सैटेलाइट कैंपस आईएसएम धनबाद में होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्टार्मर के साथ शिक्षा क्षेत्र का अब तक का सबसे बड़ा और प्रभावशाली प्रतिनिधिमंडल आया है। यह बहुत खुशी की बात है कि अब ब्रिटेन के 9 विश्वविद्यालय भारत में कैंपस खोलने जा रहे हैं। साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के गुरुग्राम परिसर का हाल में उद्घाटन हुआ है और छात्रों का पहला समूह प्रवेश भी ले चुका है।


