शिक्षा को प्राथमिकता देती है हमारी सरकार, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह जरूरी: सिद्दरामय्या

‘दीपिका छात्रवृत्ति’ योजना से सबसे ज्यादा लाभ गरीब लड़कियों को होगा...

शिक्षा को प्राथमिकता देती है हमारी सरकार, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह जरूरी: सिद्दरामय्या

Photo: @siddaramaiah X account

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या ने राज्य की छात्राओं के लिए अजीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा दी जा रही छात्रवृत्ति के कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं की उच्च शिक्षा को आसान बनाने के लिए कुल 37,000 छात्राओं को प्रति वर्ष 30,000 रुपए की ‘दीपिका छात्रवृत्ति’ योजना से सबसे ज्यादा लाभ गरीब लड़कियों को होगा।

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सिद्दरामय्या ने कहा कि हमारे राज्य के जाने-माने आईटी दिग्गज अज़ीम प्रेमजी ने अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के माध्यम से कई धर्मार्थ कार्य किए हैं। वे प्राथमिक और उच्च विद्यालय के छात्रों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने अधिकाधिक छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से 'दीपिका छात्रवृत्ति' कार्यक्रम भी शुरू किया है।

सिद्दरामय्या ने कहा कि इस योजना के तहत, छात्राओं को उनकी डिग्री पूरी होने तक हर साल 30,000 रुपए की छात्रवृत्ति दी जाती है। इस वर्ष, अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा कुल 37,000 छात्राओं को यह छात्रवृत्ति दी जा रही है। इस छात्रवृत्ति का लाभ उठाने के लिए सरकारी स्कूलों और कॉलेजों से 10वीं और 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करनी होगी।

सिद्दरामय्या ने कहा कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए, छात्राओं को हर वर्ष अनिवार्य रूप से उत्तीर्ण होना चाहिए। सरकारी स्कूलों में अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे पढ़ते हैं और ऐसी छात्राओं को लाभ पहुंचाने के सद्भावनापूर्ण उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई है।

सिद्दरामय्या ने कहा कि हमारे देश में प्राचीन काल से ही लड़कियां भी शिक्षा से वंचित रही हैं। शिक्षित लड़कियों का औसत, राष्ट्रीय औसत से कम है। अधिक संख्या में लड़कियां शिक्षित हों, इस उद्देश्य में सरकार का साथ देने वाले अज़ीम प्रेमजी को बधाई।

सिद्दरामय्या ने कहा कि लड़कियां बाल विवाह, कम उम्र में गर्भधारण, पॉक्सो से जुड़ीं समस्याएं और बाल मजदूरी जैसी प्रथाओं की शिकार हो रही हैं। उनके लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। हमारी सरकार शिक्षा को प्राथमिकता देती है। यदि महिलाओं को शिक्षा मिलेगी तो वे समाज की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनेंगी।

सिद्दरामय्या ने कहा कि असमानता को दूर किए बिना समानता आधारित समाज का निर्माण संभव नहीं है। समाज से अंधविश्वास और रूढ़िवाद को दूर करने के लिए चिंतनशीलता और वैज्ञानिक शिक्षा जरूरी है। ऐसे अज्ञान का लाभ स्वार्थी और सत्ता में बैठे लोग उठा रहे हैं और इससे मुक्ति पाने के लिए शिक्षा अनिवार्य है।

जैसा कि महात्मा गांधीजी ने कहा था, 'अपनी कमाई का उपयोग समाज की भलाई के लिए करें।' यह स्वागत योग्य है कि अज़ीम प्रेमजी अपनी कमाई सामाजिक कार्यों में लगा रहे हैं। पिछले साल, हमने कर्नाटक के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को खाने की चीजें उपलब्ध कराने के लिए 1,500 करोड़ रुपए की योजना से जुड़े एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस साल, वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली लड़कियों को छात्रवृत्ति के रूप में सहायता देने के लिए आगे आए हैं। यह खुशी की बात है।

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