आंतरिक व बाह्य सुधार ईश्वर तथा गुरुकृपा से संभव: सुधांशु महाराज
शनिवार को होगा मंत्र दीक्षा कार्यक्रम

गुरुदेव ने जीवन का रूपांतरण करने का मार्ग बताया
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। शहर के जयनगर स्थित पूर्णिमा कन्वेंशन सेन्टर में शुक्रवार से विश्व जागृति मिशन बेंगलूरु शाखा द्वारा चार दिवसीय अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव के दूसरे दिन सदगुरुदेव श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि व्यक्ति का आन्तरिक व बाह्य जगत का सुधार ईश्वर और गुरु कृपा से होता है इसलिए दोनों के प्रति अपने अन्दर अगाध श्रद्धा उत्पन्न करके पाया जा सकता है। अपने अन्दर की निर्णायक शक्ति को ठीक कर लेने से बाह्य के समस्त कार्य अच्छे होते हैं।
आध्यात्मिक जगत के वरिष्ठ संतश्री ने कहा कि पावन श्रावण मास की पवित्र वेला में व्यक्ति अपने अन्दर भगवान् शिव की कृपा प्राप्त कर सकता है। अपनी श्रद्धा और भक्ति से नियमपूर्वक अपनी पात्रता के अनुसार देवों की कृपा को प्राप्त करें।महाराजश्री ने कहा कि गलत निर्णय से भाग्य नर्क में जाता है और अच्छे निर्णय से स्वर्ग की प्राप्ति होती है, इसलिए अपने जीवन को सही ढंग से चलाने के लिए ईश्वर और गुरु से जुड़ें तथा संगति का चुनाव सही से करके सौभाग्य में बदलाव कर सकते हैं। गुरु और भगवान का दरबार ही है जहां व्यक्ति का कल्याण होता है।
सायंकालीन सत्र में समिति के सदस्योें ने आचार्यश्री का स्वागत किया। इस मौके पर सुधांशु जी ने कहा कि जिस तरह नदियां बहकर सागर में मिल जाती है, उसी तरह इस जीवात्मा की मंजिल भी परमात्मा को पाना है। पूर्ण शान्ति और पूर्ण स्वतंत्रता से चिंताओं को हटाकर व्यक्ति परम तत्व को पाकर जीवन में खुशी पा सकता है। इस उलझनों भरी दुनिया में हर कोई जीना दुःख और कष्ट क्लेश से बचने के उपाय ढूंढ़ता रह जाता है लेकिन वह नहीं मिल पाती है।
उन्होंने इसके लिए आन्तरिक मन को शुद्ध करके खुद में परिवर्तन लाकर बाहरी जगत में आनंदित को पाने का मार्ग बताया। व्यक्ति शुभ कार्य करते हुए भी माया के उस जाल में फंसकर खुद को कोसने लगता है और दुःखी होता है।
महाराजश्रीजी ने श्रीमद्भागवत गीता के पावन संदेश का रसास्वादन कराते हुए सभी को अपने कर्म को करते रहने की सलाह दी और फल की इच्छा न करने को कहा। उन्होंने अशांत रहने के कारण को जानने और शान्त रहने के मार्ग पर जाने की सलाह दी।
गुरुदेव ने सत्संग स्थल को ही व्यक्ति का वर्कशॉप बताकर जीवन को रूपांतरण करने का मार्ग बताया। उन्होंने सनातन धर्म से जुड़कर अपने बच्चे व परिवारों को सनातनी बनाने पर जोर देते हुए देशवासियों से आह्वान किया कि एकजुट में ही शक्ति है। समिति के आदित्य टांटिया ने बताया कि शनिवार को संतश्री गुरु मंत्र दीक्षा प्रदान करेंगे।
About The Author
Related Posts
Latest News
