बड़ी गलती कर दी मुनीर ...
पाकिस्तान को दहशतगर्दों से बड़ा लगाव है

भारत ने लाहौर का एयर डिफेंस सिस्टम उड़ा दिया
पाकिस्तान और पीओके में भारतीय हवाई हमलों में मारे गए आतंकवादियों के जनाजों में जिस तरह वहां के फौजी अधिकारी शामिल हो रहे हैं, उससे एक बार फिर पुष्टि हो गई है कि इस पड़ोसी देश को दहशतगर्दों से बड़ा लगाव है। पाकिस्तानी फौज ने आतंकवादियों के शवों को राष्ट्रीय ध्वज से ढका था। क्या मारे गए लोग कोई समाज सुधारक थे? ये आतंकवादी जब तक ज़िंदा रहे, पाकिस्तान इनका इस्तेमाल खून-खराबे के लिए करता रहा। अब जबकि इन्हें अपनी करतूतों की सज़ा मिल गई है, पाकिस्तान इनके शवों की प्रदर्शनी लगाकर सहानुभूति बटोर रहा है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर इस काम में जोर-शोर से लगे हुए हैं। उन्होंने पहलगाम हमले से पहले 'दो क़ौमी' नज़रिए का राग अलापा था। अब वे पीओके में मारे गए आतंकवादियों के आखिरी दीदार कर रहे हैं। उन्होंने जो रोनी सूरत बनाई थी, उसे देखकर तो पाकिस्तानी ड्रामों के कलाकार भी हैरान रह गए होंगे। मुनीर ने सोचा नहीं होगा कि उनकी हरकतों के जवाब में पीओके से लेकर पाकिस्तान की जमीन पर भारत की मिसाइलें कहर बरपाएंगी। उन्होंने एक बार फिर हिमाकत की, जिसके जवाब में भारत ने लाहौर का एयर डिफेंस सिस्टम उड़ा दिया! पाकिस्तान ने ड्रोन्स के ज़रिए अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट समेत कई जगहों पर भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिशें कीं, लेकिन उन्हें एकीकृत काउंटर यूएएस ग्रिड और एयर डिफेंस सिस्टम ने बेअसर कर दिया। भारत के पास इसके पक्के सबूत हैं। हमारी जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में कई जगहों पर वायु रक्षा रडार और प्रणालियों ने जिस तरह दम तोड़ा, उससे वहां की जनता में भारी घबराहट है।
पाकिस्तानी अख़बार, टीवी चैनल और सोशल मीडिया अकाउंट चाहे जितने झूठे दावे कर लें, उन्हें धीरे-धीरे यह बात समझ में आने लगी है कि आसिम मुनीर ने बड़ी गलती कर दी। अब तो पाकिस्तान में आतंकवादी भी सुरक्षित नहीं हैं! वे अपने अड्डों में दुबके हुए हैं। क्या पता कब इमारत की छत फोड़कर भारतीय मिसाइल उन्हें परलोक पहुंचा दे! पाकिस्तानी नेता और अधिकारी कह रहे हैं कि जनता बड़ी-से-बड़ी कुर्बानी देने के लिए तैयार है। भारतविरोध और मजहब के नाम पर पाकिस्तान की जनता से कथित कुर्बानी खूब ले ली। अब कुर्बानी देने की बारी हाफिज सईद, जकीउर्रहमान लखवी जैसे आतंकवादियों की है। मौलाना मसूद अजहर का कुनबा तो 'साफ' हो गया है। भारत के सख्त रुख को देखकर यह भरोसा और मजबूत हो जाता है कि पाकिस्तान के शीर्ष आतंकवादियों के दिन गिनती के बचे हैं। जल्द ही उनका नंबर लगने वाला है। इस बार भारत सरकार ने पक्का इरादा कर लिया है कि पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाना है, जिसे वह वर्षों तक याद रखे। मिसाइल और ड्रोन हमलों से उसे चोट जरूर लगी है, लेकिन इससे ज्यादा घातक प्रहार होना बाकी है। जब सिंधु जल संधि के तहत मिलने वाले पानी में भारी कटौती होगी, तब असली खेल शुरू होगा। अगर भारत सरकार एक चौथाई या आधा पानी भी रोक दे तो पाकिस्तान घुटने टेकने को मजबूर हो जाएगा। सिंधु जल संधि स्थगित रहते हुए जब पाकिस्तान में सूखा पड़ेगा, घर-घर में जल संकट पैदा होगा तो कुछ कथित बुद्धिजीवी पानी छोड़ने के लिए विचित्र दलीलें देंगे। याद रखें, अगर अब पाकिस्तान पर दया दिखाई तो नतीजे बहुत घातक होंगे। इसे विवश किया जाए कि आतंकवादियों के अड्डों को खत्म करे, वांछित आतंकवादी हमें सौंपे, फौज में कटौती करे, स्कूली पाठ्यक्रम बदले और पीओके खाली करते हुए इस बात का भरोसा दिलाए कि आतंकवादियों को दोबारा पनाह नहीं देगा। इससे कम पर कोई बात नहीं होनी चाहिए।