राहुल ने जाति आधारित भेदभाव समाप्त करने के लिए कानून बनाने के वास्ते सिद्दरामय्या को पत्र लिखा
राहुल गांधी ने बीआर अंबेडकर के साथ हुए भेदभाव का जिक्र किया

Photo: rahulgandhi FB Page
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या को पत्र लिखकर राज्य सरकार से रोहित वेमुला अधिनियम नामक कानून बनाने का आग्रह किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिक्षा प्रणाली में किसी को भी जाति आधारित भेदभाव का सामना न करना पड़े।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में राहुल गांधी ने बीआर अंबेडकर के साथ उनके जीवनकाल में हुए भेदभाव पर प्रकाश डाला।राहुल गांधी ने लिखा, 'यहां वे एक लंबी बैलगाड़ी यात्रा के दौरान हुई घटना का वर्णन करते हैं: हमारे पास भरपूर भोजन था। हमें बहुत भूख लगी थी। इन सबके बावजूद हमें बिना भोजन के सोना पड़ा, ऐसा इसलिए क्योंकि हमें पानी नहीं मिल रहा था, और हमें पानी इसलिए नहीं मिल रहा था, क्योंकि हम दलित थे।'
राहुल गांधी ने अपने फेसबुक पेज पर पत्र की प्रतिलिपि पोस्ट करते हुए लिखा, 'हाल में संसद में मेरी मुलाक़ात दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदाय के छात्रों और शिक्षकों से हुई थी। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें किस तरह कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में जाति के आधार पर भेदभाव झेलना पड़ता है।'
राहुल गांधी ने लिखा कि बाबा साहब अंबेडकर ने दिखाया था कि शिक्षा ही वह साधन है, जिससे वंचित भी सशक्त बन कर जातिभेद को तोड़ सकते हैं, लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि दशकों बाद भी लाखों छात्र हमारी शिक्षा व्यवस्था में जातिगत भेदभाव का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने लिखा कि इसी भेदभाव ने रोहित वेमुला, पायल तड़वी और दर्शन सोलंकी जैसे होनहार छात्रों की जान ली। ऐसी भयावह घटनाएं किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। अब इस अन्याय पर पूरी तरह से रोक लगाने का वक्त है।
राहुल गांधी ने लिखा कि मैंने सिद्दरामय्या को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि कर्नाटक में रोहित वेमुला एक्ट लागू किया जाए। भारत के किसी भी बच्चे को वो जातिवाद नहीं झेलना चाहिए, जिसे बाबा साहब अंबेडकर, रोहित वेमुला और करोड़ों लोगों ने सहा है।
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