भाजपा नीत केंद्र सरकार वोटों के लिए तमिल भाषा के प्रति दिखावा करती है: स्टालिन
स्टालिन ने भाजपा पर हमला बोला

Photo: MKStalin FB Page
चेन्नई/दक्षिण भारत। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार वोटों की खातिर तमिल भाषा के प्रति केवल दिखावटी प्रेम रखती है। उन्होंने केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी को तमिलों का 'दुश्मन' करार दिया।
'हिंदी थोपे जाने के सर्वकालिक विरोध' विषय पर अपनी शृंखला के तहत पार्टी कार्यकर्ताओं को पत्र लिखते हुए स्टालिन ने इस मुद्दे पर द्रमुक के संस्थापक नेता सीएन अन्नादुरई के विचारों को याद किया।दशकों पहले अन्ना ने कहा था कि पार्टी का उद्देश्य हिंदी का विरोध करना नहीं है, बल्कि तमिल सहित भारतीय भाषाओं को समान मान्यता दिलाना है।
स्टालिन ने आरोप लगाया कि भाजपा का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्रन्द्र मोदी तमिल को बहुत सम्मान देते हैं और त्रिभाषा फार्मूला राज्यों की भाषाओं के विकास के लिए है, लेकिन तमिल और संस्कृत के लिए धन के आवंटन में अंतर से यह स्पष्ट हो जाएगा कि वे तमिल के 'शत्रु' हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, साल 2014 से 2023 के बीच की अवधि में, केंद्र सरकार ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय को 2,435 करोड़ रुपए आवंटित किए। इसी अवधि में केन्द्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान को 167 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। संस्कृत और हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए धन आवंटन और व्यय में कई गुना वृद्धि की गई है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, 'केंद्र सरकार पूरी तरह से भाषाई आधिपत्य की भावना से काम कर रही है और वोटों की खातिर तमिल को केवल दिखावटी समर्थन दे रही है।'