कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एमयूडीए मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग वाली याचिका खारिज की
न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने कहा, 'याचिका खारिज की जाती है'

Photo: PixaBay
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एमयूडीए साइट आवंटन मामले की जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या पर मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा उनकी पत्नी पार्वती बीएम को 14 जगहों के आवंटन में अनियमितताओं के आरोप हैं।न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने कहा, 'रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री के अवलोकन से कहीं भी यह संकेत नहीं मिलता कि लोकायुक्त द्वारा की गई जांच पक्षपातपूर्ण, एकतरफा या खराब थी, जिसके कारण यह अदालत मामले को आगे की जांच या पुनः जांच के लिए सीबीआई को भेज सकती है ... याचिका खारिज की जाती है।'
सिद्दरामय्या, उनकी पत्नी, उनके रिश्तेदार बीएम मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू (जिनसे स्वामी ने एक जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी) तथा अन्य के खिलाफ मैसूरु स्थित लोकायुक्त पुलिस द्वारा 27 सितंबर को दर्ज की गई एफआईआर में नामजद किया गया है। यह एफआईआर पूर्व एवं निर्वाचित सांसदों/विधायकों से संबंधित आपराधिक मामलों को विशेष रूप से देखने वाली विशेष अदालत के आदेश के बाद दर्ज की गई है।
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