'अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रहा भारत कि निर्वासित लोगों के साथ कोई दुर्व्यवहार न हो'
एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा ...

Photo: drsjaishankar FB Page
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रही है कि निर्वासित भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार न हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ध्यान 'अवैध प्रवास उद्योग' पर कड़ी कार्रवाई पर होना चाहिए।
राज्यसभा में मंत्री का यह बयान अमेरिका से निर्वासित 104 भारतीयों के साथ किए गए व्यवहार को लेकर विपक्ष के विरोध के बीच आया।जयशंकर ने कहा, 'हम निश्चित रूप से अमेरिकी सरकार से बातचीत कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वापस लौटने वाले निर्वासितों के साथ उड़ान के दौरान किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो।'
उन्होंने कहा, 'साथ ही सदन इस बात की सराहना करेगा कि हमारा ध्यान अवैध प्रवासन उद्योग पर कड़ी कार्रवाई करने पर होना चाहिए, साथ ही वैध यात्रियों के लिए वीजा को आसान बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए।'
मंत्री ने कहा कि निर्वासन की प्रक्रिया कोई नई नहीं है। उन्होंने कहा, 'विमान द्वारा निर्वासन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया में प्रतिबंधों का उपयोग करने का प्रावधान है। हालांकि, हमें बताया गया है कि महिलाओं और बच्चों को प्रतिबंधित नहीं किया जाता है।'
उन्होंने कहा, 'भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं, जिनमें संभावित चिकित्सा आपातस्थितियां भी शामिल हैं, से संबंधित पारगमन के दौरान निर्वासितों की अन्य आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है। शौचालय के दौरान यदि आवश्यक हो तो निर्वासितों को अस्थायी रूप से बंधनमुक्त कर दिया जाता है। यह चार्टर्ड नागरिक विमानों के साथ-साथ सैन्य विमानों पर भी लागू होता है।'
उन्होंने कहा, '5 फरवरी, 2025 को अमेरिका द्वारा की जाने वाली उड़ान के लिए पिछली प्रक्रियाओं में कोई बदलाव नहीं किया गया है।'
104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार को अमृतसर में उतरा था। अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा निर्वासित किया गया यह भारतीयों का पहला जत्था है।
निर्वासित लोगों ने दावा किया कि पूरी यात्रा के दौरान उनके हाथ-पैरों में हथकड़ी लगी रही तथा अमृतसर में उतरने के बाद ही उनकी बेड़ियां खोली गईं।