महाराष्ट्र में अमित शाह की रैली के बाद मची हलचल
फडणवीस ने कहा कि महागठबंधन में चौथे सहयोगी की जरूरत नहीं है

Photo: amitshahofficial FB Page
अशोक भाटिया
मोबाइल: 9221232130
पवार ने इतने वर्षों तक देश में मंत्री के रूप में कार्य किया लेकिन किसान आत्महत्याओं को नहीं रोक सके| ठाकरे के साथ भी ऐसा ही हुआ| ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने भाजपा की पीठ में छुरा घोंपा है| भाजपा, शिंदे और अजीत पवार ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अभूतपूर्व जीत हासिल की| शाह ने पवार और ठाकरे की पार्टियों को खारिज करने के लिए महाराष्ट्र के लोगों को धन्यवाद दिया| शाह ने कहा कि ध्यान चुनावों पर है और उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से इसके लिए कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया|
स्वागत बोर्डों, भगवा झंडों, भाजपा के नारों ने साईनगरी को हिला दिया था और इसने समग्र वातावरण में एक भगवा जीवंत वातावरण बनाया था| शाह के भाषण ने इन सभी चीजों को प्रतिबिंबित किया और भाजपा के भविष्य की कार्रवाई का विचार भी दिया| अमित शाह ने महा विकास अघाड़ी पर निशाना साधा क्योंकि महा विकास अघाड़ी एक घरेलू गठबंधन है| इस गठबंधन के तीनों दल एक-दूसरे पर पॉटशॉट लेने में लगे हुए हैं और वे इसे खो चुके हैं| गांव में भी नहीं| भाजपा और कांग्रेस में बहुत बड़ा अंतर है| पहले कांग्रेस के नेता और राज्यों के मुख्यमंत्री कांग्रेस की रैलियों में जयकार करते थे| कार्यकर्ताओं में होड़ लगी थी और इसलिए सभी नेता व पदाधिकारी वरिष्ठों की चाटुकारिता में व्यस्त थे| मैं अब उस तस्वीर को नहीं देखता| इसके विपरीत सभी नेताओं-विधायकों के साथ-साथ सांसदों ने मुख्यमंत्री फडणवीस की तारीफ की है क्योंकि उन्हीं की वजह से भाजपा को यह सफलता मिली है| स्थानीय निकाय चुनाव महत्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से मुंबई, ठाणे, संभाजीनगर आदि जैसे नगरपालिका चुनाव, और अब भाजपा पूरी ताकत से सामने आएगी| इसलिए अब भाजपा का संघर्ष स्थानीय स्तर पर खेला जाएगा| शाह ने विपक्ष, शरद पवार की एनसीपी और शिवसेना उबाथा को भी संदेश दिया है| चुनाव के बाद से ही भाजपा के लिए माहौल अनुकूल रहा है| भाजपा के पास देवेंद्र फडणवीस, चंद्रशेखर बावनकुले, आशीष शेलार, नारायण राणे, नितेश राणे की एक मजबूत टीम है| बालासाहेब के समय की शिवसेना और उद्धव के नेतृत्व वाले संगठन के बीच जमीन और सम्मान का अंतर है| उद्धव ने मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाने की रस्सी काट दी| उद्धव ने खुद मुख्यमंत्री पद की खातिर भाजपा में जाने के लिए रस्सी काट दी| यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमित शाह को पार्टी प्रमुख के रूप में कार्य करना पड़ रहा है| अमित शाह का यह बयान कि दोनों दल आज नेताओं के विश्वासघात के कारण रसातल में पहुंच गए हैं, जो उनकी राजनीति से शुरू हुआ और ठाकरे ने बालासाहेब के विचारों के साथ विश्वासघात किया और बाद में उन्होंने भाजपा की पीठ में छुरा घोंपा|
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम तीनों के महागठबंधन में चौथे सहयोगी की जरूरत नहीं है, लेकिन हमारा महागठबंधन अंत तक महाराष्ट्र में रहेगा| दरअसल पिछले कुछ दिनों में उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और संजय राउत ने सीएम फडणवीस के काम की तारीफ की है| मुख्यमंत्री ने कुछ ही शब्दों में स्पष्ट जवाब दिया| एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ’मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का उत्तराधिकारी हूं| यह पूछे जाने पर कि क्या उद्धव गुट मुख्यमंत्री के काम की प्रशंसा कर रहा है, उन्होंने कहा, कुछ प्रशंसाओं को नजरअंदाज किया जाना चाहिए| आपको तारीफों के बारे में सावधान रहना होगा| अक्सर राजनीति को विभाजित करने के लिए इस तरह से प्रशंसा की जाती है| राजनीति में, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कोई कितनी भी प्रशंसा करता है, आपके पैर जमीन पर होने चाहिए| मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा|क्या उद्धव ठाकरे गुट को भविष्य में महागठबंधन में शामिल करने पर विचार किया जा सकता है? इस सवाल के जवाब में कहा गया, ’हमारी तीन कुर्सियां मजबूत हैं, इसलिए हमें चौथे सहयोगी की जरूरत नहीं है| हमारा महागठबंधन मजबूत है और महाराष्ट्र में अंत तक महायुति ही रहेगा| मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा|उन्होंने कहा, ’हमें जो पद मिला है वह पद नहीं है, यह एक जिम्मेदारी है| मैं उत्तराधिकारियों की सूची में नहीं हूं, लेकिन मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का उत्तराधिकारी हूं| फडणवीस ने कहा कि देश और समाज की सेवा करने की संस्कृति तब शुरू हुई जब मैं कम उम्र में आरएसएस की शाखाओं में जाता था|
उधर अमित शाह द्वारा शरद पवार पर किये गए आरोपों पर शरद पवार ने गृह मंत्री अमित शाह को अपने पद की मर्यादा बनाए रखने की नसीहत दी है| दरअसल अमित शाह ने शिरडी में भाजपा के सम्मेलन में कहा था कि महाराष्ट्र में भाजपा की जीत ने १९७८ में पवार के द्वारा शुरू की गई विश्वासघात की राजनीति को २० फीट जमीन में दफना दिया है| पवार ने मंगलवार को मुंबई में कहा- इस देश ने कई बेहतरीन गृह मंत्री देखे हैं, लेकिन उनमें से किसी को भी अपने राज्य से बाहर नहीं निकाला गया| उनका इशारा सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में २०१० में शाह को २ साल के लिए गुजरात से बाहर निकाले जाने की ओर था| २०१४ में शाह को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था| शरद पवार ने कहा कि १९७८ में मैं सीएम था| तब राजनीति में पक्ष-विपक्ष के बीच इतनी कटुता नहीं थी| उस समय जन संघ के उत्तम राव पाटिल जैसे लोग भी मेरी मिनिस्ट्री में थे| इसके बाद जब वाजपेयी पीएम बने थे, तो उन्होंने मुझे आपदा मैनेजमेंट अथॉरिटी का अध्यक्ष बनाया था| मेरे विपक्ष में होने के बावजूद उन्होंने मुझे जिम्मेदारी दी थी| इंडिया गठबंधन में फूट की चर्चा पर पवार ने कहा- इंडिया गठबंधन में कभी भी स्टेट और लोकल चुनावों को लेकर कोई बात नहीं हुई थी| यह गठबंधन केवल नेशनल लेवल यानी लोकसभा चुनाव के लिए है|दरअसल, जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन का कोई महत्व नहीं है| इसे खत्म कर देना चाहिए| शिवसेना के सांसद संजय राउत ने अब्दुल्ला के बयान का समर्थन करते हुए कांग्रेस को इसके लिए जिम्मेदार बताया था| उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र निकाय चुनाव हम अकेले लड़ेंगे|